धर्म आत्मा का विषय है – मुनि निर्मद सागर

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सवाई माधोपुर 25 अक्टूबर। दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र चमत्कारजी में चतुर्मासरत मुनि निर्मद सागर ने देशना के माध्यम से धर्म का स्वरूप समझाते हुए कहा कि धर्म आत्मा का विषय है। उन्होंने कहा कि धर्म क्षेत्र में अंदर बाहर की क्रिया एक हो, उद्देश्य समीचीन हो, भावो में कुटिलता नहीं हो तथा पारिवारिक सामंजस्य हो तब ही धर्म कार्यकारी होगा। उन्होंने सफल जीवन जीने के लिए उत्साह, ईमानदारी व शुभ भावों से कार्य करने के लिए लोगो को प्रेरित किया।
इसी प्रकार मुनि नीरज सागर ने कहा कि बाह्यक्रिया का नाम धर्म नहीं है। वास्तविक धर्म तो आत्मा की विशुद्धी है। हृदय में धर्म की भावना, शुद्ध आचरण व धर्म मार्ग पर चलते हुए जीवन को सार्थक बनाना चाहिए।
प्रवक्ता प्रवीण जैन ने बताया कि मुनि नीरज सागर व निर्मद सागर के सान्निध्य एंव समय आराधना चातुर्मास समिति के तत्वावधान में सकल दिगंबर जैन समाज द्वारा 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का 2551वां निर्वाण महोत्सव 1 नवम्बर को धूम धाम से मनाया जाएगा। इस दौरान चमत्कारजी में सुबह 6.30 बजे जिनाभिषेक, शांतिधारा, 8.15 बजे वर्धमान स्वामी मंडल विधान का संगीतमय पूजन, निर्वाण लड्डू अर्पण व लड्डू सजाओ प्रतियोगिता होगी। शाम 6.15 बजे 64 ऋद्धिमंत्रों से दीप प्रज्वलन के साथ ही भगवान महावीर की महाआरती होगी।
इसी क्रम में 3 नवम्बर को दोपहर 1.15 बजे चमत्कारजी के विशुद्धमति सभागार में मुनिसंघ का पिच्छि परिवर्तन व चातुर्मास कलश निष्ठापन समारोह होगा। सांय 6 बजे बेगमगंज (म.प्र.) के बच्चों द्वारा पूनम के दो चांद नाटिका का प्रेरणास्पद मंचन व 7.15 बजे से कवि सम्मेलन होगा।
चातुर्मास समिति अध्यक्ष रमेश चंद कासलीवाल, महामंत्री महावीर बज, योगेंद्र पापड़ीवाल व कोषाध्यक्ष अशोक पांड्या के संयोजन में तैयारी जोर शोर से चल रही है। वहीं समाज अध्यक्ष अशोक बड़जात्या व महामंत्री हरसीलाल श्रीमाल जैन ने लोगों से कार्यक्रमो में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेकर धर्म लाभ लेने का आह्वान किया है।


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