ममत्व के परीत्याग को आंकिचन्य कहते हैं
कामां सकल दिगंबर जैन आदिनाथ जिनालय में आयोजित 10 लक्षण धर्म पर्युषण पर्व के नव में दिवस पर उत्तम आकिंचन्य धर्म की पूजा की गई प्रथम अभिषेक शांति धारा करने का सौभाग्य शिखर चंद्र अशोक कुमार अंकित जैन परिवार को प्राप्त हुआ जैन समाज के अध्यक्ष सुभाष जैन आगोनिया ने बताया कि श्रवण संस्कृत संस्थान से आए सम्यक जैन ने अपने प्रवचन में बताया कि आकिंचन्य का अर्थ है कि मेरा कुछ भी नहीं है घर द्वार धन दौलत बंधु बांधव आदि यहां तक की शरीर मेरा नहीं है इस प्रकार का अना शक्ति भाव उत्पन्न होना आकिंचन्य धर्म है चंद्रप्रभु मंदिर के व्यवस्थापक गौरव जैन निक्की ने बताया कि श्री चंद्र प्रभु जिनालय में सौधर्म इंद्र इंद्र प्रथम अभिषेक शांति धारा का सौभाग्य महावीर प्रसाद नवीन कुमार ऋषभ जैन पंप वाले परिवार को प्राप्त हुआ वही सुधा जैन नवीन जैन की ओर से दो रजत छत्र मंदिर को दान दिया गया
और शाय आचार्य विद्यासागर के सम्मुख दीपप्रज्वलन करने का सौभाग्य अखिल भारतवर्षिय महिला परिषद के पदाधिकारीयो को मिला और उसके बाद संगीतमयी मंगल आरती और प्रतियोगिता आयोजित की गई