करोड़ों के मरम्मत व निर्माण कार्यों की खुली कलई

Support us By Sharing

दो दिन की बारिश से ही टूटा बांध; करोड़ों के मरम्मत व निर्माण कार्यों की खुली कलई; हजारों बीघा खेती की फसल डूबी, मरम्मत व निर्माण कार्यों की जांच की मांग

बयाना 24 अगस्त। बयाना पंचायत समिति क्षेत्र का प्रमुख बांध खटनावली बांध बीते दो दिनों में हुई बारिश को भी नहीं झेल पाया और गुरुवार को मिट्टी के घरोंदे की भाति पल भर में ढह गया। और देखे-देखे उसमें भरा बरसाती पानी भी बह गया। कई वर्षों बाद इस बांध में भरे करीब 8 फीट पानी को देखकर इस बार खुशी से पहले नहीं समा रहे किसानों के अरमानों पर भी इसी के साथ पानी फिर गया। इस बांध में लबालब पानी भरा देख इस बार इस इलाके के किसान काफी खुश थे और उनका मानना था की बांध के लबालब भरने से जहां इस इलाके का भूमिगत जलस्तर बढ़ेगा वहीं खेतों की उपजाऊ क्षमता भी बढ़ेगी और आने वाली रवी की फसलों के लिए तो विशेष फायदा होगा। किंतु किसानों का यह मंतव्य अब केवल सपना बनकर रह गया और बांध के टूटने के साथ ही उनके अरमान पानी में बह गए हैं। ग्राम पंचायत दहगावा व खटनावली क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया कि इस बांध व इस बांध से जुड़े अन्य बांधों की मरम्मत व रखरखाव पर सरकार की ओर से कई करोड़ रुपये इसी वर्ष खर्च किए गए थे किंतु अब बांध के ढहने से इन बांधों पर हुए मरम्मत व रखरखाव के कार्यों की असली कलई खुल गई है वहीं संबंधित अधिकारियों की कार्यशैली व कमीशन खोरी का भी इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है।


हजारों बीघा फसल जलमग्न

खटनावली बांध के टूट कर ढह जाने से उसके बहाव क्षेत्र के कई गांवों की हजारों बीघा खेती की फसल बांध के पानी में डूब गई है। जिसके अब गल कर नष्ट होने की संभावना बन गई है। खेतों में तैयार खड़ी फसलों को बहाने को मजबूर हैं।
अब अन्य बांधों को भी खतरा,,,, इस बांध के टूट जाने के बाद अब इसके बाहर क्षेत्र में आने वाले दहगांवा बांध व नगला शेर सिंह बांध के लिए भी खतरे के हालात बन गए हैं। हालांकि इस क्षेत्र के ग्रामीण व संबंधित अधिकारी भी अपनी नजर बनाए हुए बताए हैं।
मुआवजे व जांच की मांग,,, किसान यूनियन नेता सुरेंद्र सिंह कंसाना ने इस बांध के टूट जाने के बाद प्रभावित हुए किसानों को सरकार से मुआवजा दिलाए जाने की मांग करते हुए बयाना क्षेत्र में विभिन्न बांधो के रखरखाव व मरम्मत कार्यों में हुई अनियमितताओं व घोटाले की भी उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की भी मांग की है।


Support us By Sharing

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *