जिम्मेदार बेखबर, बंद खड़े पानी पम्प सेटों का भुगतान, समस्या यूं की त्यों- पार्षद दीपक मुदगल


भरतपुर मानसून के दिनों में निगम क्षेत्र की कई कॉलोनी जलभराव से जूझ रही हैं। नालों की सफाई का दावा करने वाला निगम पम्प सेटों द्वारा पानी को निकलवा रहा है। जवाहर नगर हाउसिंग बोर्ड मुख्यमंत्री आवास से मात्र 50 मीटर की दूरी पर एक सरकारी भूखंड एवं एक हाउसिंग बोर्ड का भूखंड जो सामुदायिक भवन के सामने स्थित है। स्थानीय निवासियों के लिए जानलेवा बीमारी बनी हुई है। पिछले 20 वर्षों से ये दोनों बड़े भूखंड गंदगी का ढेर समेटे हैं। वार्ड पार्षद दीपक मुदगल ने बताया कि नगर निगम भरतपुर एवं जिला प्रशासन को इस संदर्भ में कई बार लिखित में ज्ञापन दे चुके हैं। 03 जनवरी 2022 को मुख्य सचिव राजस्थान के भरतपुर आगमन पर लिखित में देकर मौका भी दिखाया लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। वर्षात के दिनों में दोनों प्लाटों में जलभराव इतना हो गया है कि आस पास के लोगों का बाहर निकलना दुभर हो गया है। घरों के अंदर तक पानी और गंदगी जमा हो जाती है । वर्षाती कीड़े मकोड़ों के डर से बच्चे भी बाहर नहीं निकलते। सरकारी भूखंड होने के कारण इन प्लाटों पर कोई भी कार्यवाही नहीं होती है। पार्षद ने बताया कि नगर निगम में जल भराव की सूचना देने पर 10 दिन से एक छोटा सा पम्प सैट खाली भूखंड पर विराजमान है जो एक भी दिन नहीं चला लेकिन निगम के खर्चे में शामिल है। पार्षद ने आग्रह किया है कि जब निगम के आर्थिक हालात खराब हैं तो निगम प्रशासन को सख्ती बरतते हुए किताबी खर्चों पर अंकुश लगाया जाए और सही से निरीक्षण कर वास्तविक और जनता को राहत मिलने वाले कार्यों पर उचित खर्च किया जाए। साइडों पर बंद पड़े पम्प सेटों को चालू करवाकर आमजन को राहत दिलाई जाए एवं बंद पम्प सेटों का भुगतान रोका जाए।


WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now