क्रांतिकारी पत्रकार परिषद की हुई बैठक, तमाम मुद्दों पर हुईं चर्चाएं


पत्रकारिता एक सामाजिक सेवा है लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा व समाज की भलाई के लिए करना चाहिए काम- सुमंत भार्गव

पत्रकारिता के तीन मूल मंत्र संवाद, संपर्क तथा सूत्र लेकिन वर्तमान में हम तीनों से हो रहे दूर- आर डी दुबे आजाद

प्रयागराज। जनपद के यमुनानगर लालापुर में क्रांतिकारी पत्रकार परिषद की एक महत्वपूर्ण बैठक रविवार को केंद्रीय प्रमुख अनिल दुबे आजाद के मार्गदर्शन में मंडल प्रभारी प्रयागराज आर डी दुबे आजाद के सानिध्य में व जिला अध्यक्ष महेश प्रसाद त्रिपाठी, जिला प्रभारी रिवेंदर सिंह, तहसील अध्यक्ष बारा सोनू शुक्ला के नेतृत्व में आहुत की गई।जिसमें संगठन से जुड़े पदाधिकारी गण, सदस्य गण,वरिष्ठ पत्रकारों व नवोदित पत्रकारों ने भी भाग लिया।बैठक के दौरान विशिष्ट अतिथि सुमंत भार्गव ने अपने वक्तव्य में कहा कि पत्रकारिता के कुछ मुख्य बिंदु और महत्वपूर्ण पहलू होते हैं। सत्यता, सटीकता, वस्तुनिष्ठता, निष्पक्षता और सार्वजनिक उत्तरदायित्व। पत्रकारिता का मुख्य उद्देश्य लोगों को उनके जीवन से जुड़ी जानकारी देना और समाज में जागरूकता पैदा करना है। पत्रकारिता में सबसे पहले सत्य और सटीक जानकारी का होना महत्वपूर्ण है पत्रकार को केवल घटनाओं का विवरण ही नहीं देना चाहिए,बल्कि उसका विश्लेषण भी करना चाहिए ताकि जनता को सच्चाई और गहराई से जानकारी मिल सके। पत्रकार को अपने व्यक्तिगत विचारों को लेख में शामिल नहीं करना चाहिए और सभी पक्ष को समान रूप से पेश करना चाहिए। पत्रकारिता एक सार्वजनिक सेवा है और पत्रकारों को समाज की भलाई के लिए लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करनी चाहिए और जनता के हित में काम करना चाहिए। इसी कड़ी में मंडल प्रभारी प्रयागराज आर डी दुबे आजाद ने पत्रकारों के समक्ष कहा कि जैसे ही हम पत्रकार बनते हैं यह मान लेते हैं कि हम सर्वगुण संपन्न हो गए। रिपोर्टर्स भी यह मान लेते हैं कि इस शहर में मुझसे बड़ा आदमी और कोई नहीं है। हम पत्रकार जरूर बन गए लेकिन हमें बहुत कुछ सीखना है। पत्रकारों का काम समाज को दायित्व देना है हम सीखेंगे तो यह कार्य कर पाएंगे सीखने का बहुत मौका है। पाठकों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए संवाद, संपर्क तथा सूत्र तीन वाक्य है लेकिन हम तीनों से दूर होते जा रहे हैं। पत्रकारों की दिनचर्या में संवाद संपर्क काम होते जा रहे हैं। आजकल की खबर पढ़ने से लगता है कि संवाद, संपर्क और सूत्र तीनों कम हो गए हैं‌। पहले जब चार लाइन की खबरें लिखी जाती थी तब संबंधित विभाग एक्शन ले लेता था। हम जो बात लिखते हैं वह लाखों लोगों तक पहुंचती है खबर में विश्वसनीयता नहीं होगी तो उसका हश्र हमें ही झेलना पड़ेगा। अखबार कॉरपोरेट कल्चर की ओर बढ़ गया है इस कारण जन सरोकारों से जुड़ी खबरें दूर हो गई हैं। जनता से जुड़ी समस्याओं को स्थान कम मिल रहा है।पत्रकारों की सुरक्षा,अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, फर्जी मुकदमों के खिलाफ एक जुटता, ग्रामीण क्षेत्रों में पत्रकारों को मिलने वाली तमाम सुविधाओं जैसे अहम मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई।बैठक में वक्ताओं ने निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। अंत में सभी ने संगठन की मजबूती और पत्रकार हितों की रक्षा के लिए मिलकर कार्य करने का संकल्प लिया। बैठक में प्रमुख रूप से उपरोक्त पदाधिकारियों के अलावा विजय शंकर शुक्ला जिला मीडिया प्रभारी,मंगला प्रसाद तिवारी जिला सह मीडिया प्रभारी, शिवम शुक्ला जिला संगठन सह मीडिया प्रभारी, लाल साहब द्विवेदी बारा सह मीडिया प्रभारी, तहसील प्रभारी रजनीश ओझा, मनीष पांडे, आलोक शुक्ला, सुमंत भार्गव, नईम अहमद, कृष्ण चंद्र शुक्ला, बलराम शुक्ला, संजीत उपाध्याय, मनोज द्विवेदी, आशीष द्विवेदी, प्रमोद कुमार, राकेश मिश्रा, राकेश सिंह, शुभम मिश्रा, यादवेंद्र यादव आदि तमाम साथी पत्रकार मौजूद रहे।

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