शिक्षा व संस्कारों को जीवन में उतारने से विद्यार्थी समाज के लिए समर्पित नागरिक बनते हैं : अमित टाक
छात्र- छात्राओं द्वारा विद्यालय की उपलब्धियों को रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ प्रस्तुत किया
भीलवाड़ा। शिक्षा के साथ संस्कारों को जीवन में उतारने से विद्यार्थी समाज के लिए सद्भावनापूर्ण, सभ्य, और समर्पित नागरिक बनते हैं। शिक्षा और संस्कार एक-दूसरे के पूरक हैं। शिक्षा से विद्यार्थियों को नैतिक और सामाजिक मूल्यों की समझ आती है, जबकि संस्कारों से उनका व्यक्तित्व विकसित होता है। यह बात एस स्टीवर्ड मोरिस स्कूल निदेशक अमित टाक ने विद्यालय के 24वे स्थापना दिवस पर आयोजित स्थापना दिवस को सम्बोधित करते हुए कही। इससे पुर्व एस स्टीवर्ड मोरिस स्कूल की ईरास व पथिक नगर शाखा द्वारा विद्यालय का 24वाँ स्थापना दिवस बहुत ही हर्षाेल्लास के साथ मनाया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिला शिक्षा अधिकारी योगेश पारीक एवं राष्ट्रकवि योगेंद्र उपस्थित रहे। स्थापना दिवस के अवसर पर रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ छात्र- छात्राओं द्वारा विद्यालय की उपलब्धियों को प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर विद्यालय की छात्रा आयुषी पारीक द्वारा लिखित पुस्तक अमी का विमोचन किया गया। नवोदित लेखिका आयुषी ने अपने प्रथम काव्य संग्रह को विद्यालय को समर्पित करते हुए बताया कि विद्यालय के निदेशक अमित टाक के सहयोग और आशीर्वाद से ही वह इस कृति को मूर्तरूप दे पाई है। इस अवसर पर विद्यालय के छात्र ओरम त्रिपाठी एवं साक्षी त्रिपाठी का भी अभिनंदन किया जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर ग्रेपलिंग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल किए तथा अंतराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने की कुशलता अर्जित की। विद्यालय के स्थापना दिवस पर निदेशक अमित टाक एवं श्रीमती सपना टाक ने सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएँ देते हुए शिक्षा के साथ संस्कारों को भी जीवन मे उतारने का संकल्प दिलवाया। मुख्य अतिथि जिला शिक्षा अधिकारी योगेश पारीक द्वारा विद्यालय के 24वें स्थापना दिवस पर बधाई एवं शुभकामनाएँ देते हुए अपने संबोधन में विद्यार्थियों को परिश्रम एवं एकाग्रचित्त होकर अपने लक्ष्य की प्राप्ति हेतु प्रयास करने का संदेश दिया। राष्ट्रकवि योगेंद्र शर्मा द्वारा अपने उदबोधन में अपनी ओजस्वी काव्यपंक्तियों से विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया गया एवं विद्यालय की उपलब्धियों के लिए शुभकामनाएँ प्रदान की।