भगवान महावीर के अहिंसा सत्य अस्तेय ब्रह्मचर्य अपरिग्रह सिद्धांतों को अपनाने पर ही होगी आत्म कल्याण एवं विश्व शांति -” यश”
जयपुर|मन वचन कर्म से अहिंसा मुक्ति की आधार शिला है जिससे वैर त्याग भावना बलवती होती है उसके साथ कभी हिंसा नहीं हो सकती। उक्त कथन भगवान महावीर जयंती पर ओमाश्रय सेवा धाम में वैदिक चिंतक एवं ओउमाश्रय संचालक यशपाल यश ने व्यक्त किया।यश ने कहा कि भगवान महावीर ने जिन अहिसा सत्य अस्तेय ब्रह्मचर्य अपरिग्रह पांच सिद्धांतों को प्रतिपादित किया उन्हें अपनाया जाए और तो व्यक्ति की आत्मा का कल्याण एवं विश्व शांति सहज हो जायेगी। यश ने कहा कि मोक्ष प्राप्ति हेतु पातंजलि योग दर्शन के अष्ठांगों में प़थम अंग “यम” में भी प़थम स्थान अहिंसा का है फिर सत्य अस्तेय ब्रह्मचर्य अपरिग्रह आते हैं।
अहिंसा की प्रतिष्ठा हेतु यज्ञ में आहुतियां देने मनोचिकित्सक डॉ गजानंद वर्मा श्रीमति हेमलता,सातुल गर्ग एवं श्रीमति भावना , यशपाल एवं श्रीमति मधु यश, घनश्याम जैन एवं भगवान दास गर्ग मुख्य यजमान रहे। देवेश गोयल श्रीमति सीमा श्रीमति सन्तोष नारायण शर्मा श्रीमति गीता पारीक हेमकांत पारीक आदि मौजूद रहे।

2014 से लगातार पत्रकारिता कर रहे हैं। 2015 से 2021 तक गंगापुर सिटी पोर्टल (G News Portal) का बतौर एडिटर सञ्चालन किया। 2017 से 2020 तक उन्होंने दैनिक समाचार पत्र राजस्थान खोज खबर में काम किया। 2021 से 2022 तक दैनिक भास्कर डिजिटल न्यूज और साधना न्यूज़ में। 2021 से अब तक वे आवाज आपकी न्यूज पोर्टल और गंगापुर हलचल (साप्ताहिक समाचार पत्र) में संपादक और पत्रकार हैं। साथ ही स्वतंत्र पत्रकार हैं।