बागीदौरा| वैदिक मन्त्र विज्ञान पर आधारित हैं। सस्वर उनका उच्चारण और दिनचर्या में पठन कर मनोकामना पूर्ति का हेतु साधा जा सकता है। ब्रह्म तेज की वृद्धि के नियमित साधना आवश्यक है। यह बात श्री त्रिवेदी मेवाड़ा ब्राह्मण समाज की बाँसला में हुई गोष्ठी में वक्ताओं ने कही। इष्टदेव एकलिंगनाथ के स्तवन से प्रारम्भ हुए कार्यक्रम में बाँसला, छींच, पिण्डारमा, बोडीगामा, नौगामा, गामडी व बड़ोदिया के प्रतिनिधियों ने विचार व्यक्त किये। मुख्य वक्ता देवीलाल पानेरी ने वर्तमान समय में नित्य उपासना को दिनचर्या का अंग बनाकर अनाहत समस्याओं से बचने का आह्वान किया। इस मौके पर विनोद पानेरी ने साप्ताहिक पूजन विधान और दुर्लभ स्तोत्र के नियमित पाठ करने का आह्वान किया। आरम्भ में गोमतीशंकर पण्डया ने अतिथियों का स्वागत किया। इस मौके पर छींच से हरिकृष्ण पण्डया, हरीश उपाध्याय, भरत पुरोहित, बाँसला से रतनलाल पंडया, भगवतीशंकर, राजेन्द्र त्रिवेदी हार्दिक त्रिवेदी नौगामा से जवाहरलाल पण्डया, गामड़ी से सतीश त्रिवेदी, पिण्डारमा से राजेन्द्र उपाध्याय, उमाकांत पण्डया, मोहन लाल पण्डया, राधाकृष्णपंडया डायालाल पंडया ने विचार व्यक्त किये। बैठक में बागीदौरा ब्लॉक के त्रिमेस बालकों के संस्कार एवं कर्मकांड शिविर आयोजित करने पर भी चर्चा की गई।