सनातन धर्म वसुधैव कुटुंबकम की भावना रखता: संत दिग्विजय राम

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शाहपुरा|चित्तौड़गढ़ रामद्वारा के संत रमता राम एवं संत दिग्विजय राम का थाईलैंड के बौद्ध धर्मावलंबी लामा संघ के संतों से ऑस्ट्रिया के इंसब्रुक, यूरोप में मुलाकात हुई। इस मुलाकात में बौद्ध संतों ने बौद्ध धर्म के बारे में विस्तार से जानकारी दी और बताया कि किस प्रकार भगवान बुद्ध ने शांति के मार्ग को प्रशस्त किया। उन्होंने बताया कि सभी बौद्ध धर्म अनुयाई पूरे विश्व में शांति के संदेश को फैलाना चाहते हैं।संत दिग्विजय राम ने सनातन धर्म के बारे में बताया कि यह धर्म वसुधैव कुटुंबकम की भावना रखता है और सम्पूर्ण विश्व को अपना परिवार मानता है। भारतीय सनातन धर्म परम पद मोक्ष को प्राप्त करने के लिए भगवत भक्ति, सत्संग, और आराधना को महत्व देता है। यह धर्म संपूर्ण विश्व में शांति स्थापित करने और आपसी भाईचारे को बढ़ाने का संदेश देता है।इस प्रकार, दोनों ही संप्रदायों के संतों ने अपने-अपने धर्मों के महत्वपूर्ण सिद्धांतों पर चर्चा की और विचार साझा किए। थाईलैंड के बौद्ध धर्म लामा संघ के संतों ने बौद्ध धर्म की शिक्षा दी और भारतीय रामसनेही संतों ने सनातन धर्म के मूल्य और उद्देश्य पर चर्चा की। इस समागम से दोनों धर्मों के संतों ने एक-दूसरे के विचारों को समझा और शांति और भाईचारे के संदेश को और अधिक मजबूत किया। ऑस्ट्रिया में हुए इस संतों के समागम ने विश्व शांति और सामंजस्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रखा।


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