तमिलनाडु सीएम के बेटे के बयान पर संतों ने जताया विरोध, गिरफ्तारी की मांग
सनातन धर्म पर विवादित बयान पर भीलवाड़ा रहा बंद
भीलवाड़ा|तमिलनाडु सीएम के बेटे उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म पर आपत्तिजनक बयान के बाद भीलवाड़ा में संत समाज के विरोध पर मंगलवार को भीलवाड़ा बाजार बंद रहा। संत समाज के आह्वान पर सैकड़ों की संख्या में हिंदू समाज के लोग सूचना केंद्र चैराहा पहुंचे। यहां से संतों के नेतृत्व में विरोध रैली निकाली गई। यह रैली मुख्य मार्ग से होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची। जहां रैली में शामिल लोगों ने तमिलनाडु मुख्यमंत्री के मंत्री पुत्र उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ नारेबाजी की।
सूचना केंद्र पर बड़ी जनसभा का आयोजन किया गया। इस जनसभा में संतों ने स्टालिन द्वारा संनातन धर्म पर दिए बयान का विरोध जताया। और इस तरह के बयान और कोई कभी ने दे, इसकों लेकर स्टालिन को कड़ी सजा दलवाने को लेकर देशभर में आंदोलन चलाने की बात कही।
गौरतलब है कि स्टालिन ने “सनातन धर्म डेंगू मलेरिया की तरह है और इसलिए सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए” का बयान दिया था। इसको लेकर संत समाज इस बात का विरोध में उतर आया। विरोध रैली में शामिल महंत बाबू गिरी महाराज, बनवारी शरण महाराज, महामंडलेश्वर हंसराम उदासीन सहित हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
इस दौरान रवीन्द्र कुमार जाजू ने कहा कि विश्व में हिंदुत्व के बढ़ते प्रभाव को देखते आसुरी शक्तियां तिल मिला रही है। इस प्रकार के बयान देखकर सहिष्णु हिंदू समाज को उकसाने का प्रयास चल रहा है। ये एक सोचा समझा षडयंत्र है। हाथीभाटा आश्रम के संत संतदास ने करते हुए कहा की सनातन अजर है अमर है। इसे नष्ट करने का विचार करने वालो के वंश नष्ट हो गए। महंत रामदास रामायणी ने कहा की सर्वे भवंतु सुखिन सर्वे संतु निरामया सर्वे भद्राणि पश्यंतु मां कश्चित दुख भाग भवेत को मानने वाली सनातन परंपरा को नष्ट करने की दुर्भावना रखने वाला एक असुर ही हो सकता है।
महंत मोहन शरण जी शास्त्री, निम्बार्क आश्रम ने तीखी टिप्पणी कर करुणानिधि को कोरोना निधि कह कर बुलाया। जिनके पुत्र ने सनातन धर्म को खत्म करने की बात कही है। ऐसे व्यक्ति किसी दुष्ट प्राणी से कम नहीं है। सनातन अनादि काल से है और हमेशा रहेगा। पूज्य मुनि आदित्य सागरजी दिगंबर ने कहा हम एक है। ये महावीर और राम की भूमि है और इस भूमि पर उसी को स्थान मिलेगा जो दया, अहिंसा और सनातन का साथ देगा। पूज्य मुनि यशवंत कुमार जी श्वेतांबर ने उदयनिधि की निंदा करते हुए कहा कि इतिहास गवाह है कि सनातन को मिटाने के लिये कई संप्रदाय कई व्यक्ति आये परंतु इसे मिटा नहीं पाये, अपितु वे खुद मटियामेट हो गये। उदयनिधि स्टालिन जैसे खुराफाती को भारतीय कहलाने का भी अधिकार नहीं है। कहीं ऐसा न हो की सनातन संस्कृति की जगह वो और उसका परिवार ही समाप्त न हो जाये।
महामण्डलेश्वर स्वामी हंसरामजी उदासीन ने उदयनिधि स्टालिन के इस कुकृत्य की कड़े शब्दों में निंदा की और कहा की आज वे सनातन धर्म की रक्षा के लिये अडिग खड़े हैं। ऐसे कुपुत्र को जन्म लेने से अच्छा था कि वो गर्भ में ही समाप्त हो जाता। उदयनिधि स्टालिन को अपने कर्म का दंड देना पड़ेगा ।सनातन को खत्म करने की ताकत किसी भी कुल में नहीं है। स्वामीजी ने कहा कि हर सनातनी को शास्त्रों की रक्षा हेतु शस्त्रों की पूजा करना भी अनिवार्य है । अब समय आ गया है की अपने धर्म की रक्षा लिए संत भी एक हाथ में माला और एक हाथ में भाला ले लें ।
उन्होंने केंद्र सरकार से माँग की, कि उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ जल्द ही कार्यवाही कर उन्हें गिरफ्तार किया जाये या वो सनातन समाज से माफी माँगे। इस अवसर पर महंत बाबूगिरीजी महाराज, महंत बनवारी शरणजी महाराज काठियाबाबा, महंत आशुतोषजी महाराज, महंत जयरामदासजी, महंत रामगिरीजी, महंत रामसागर दासजी, महंत बलराम दास रपट के बालाजी, स्वामी परमेश्वर दास पंचमुखी दरबार के प्रतिनिधि, महंत गोपालदास जी सांगानेरी गेट एवं अनेक संत उपस्थित रहे। संतों के अलावा अनेक संगठन बजरंग दल, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद, भीलवाड़ा के सभी व्यापार संघ एवं महिला शक्ति उपस्थित रही।
संतों के अह्वान पर समस्त व्यापारिक प्रतिष्ठान प्रातः 11 बजे तक बंद रखे गये। बजरंगी चैराहा सूचना केंद्र पर इस सभा के पश्चात् सभी सनातन प्रेमियों ने संतों की अगुवाई में नगर के मुख्य मार्गों से पैदल कलेक्टरी तक जाकर सनातनी एकता का परिचय दिया जहां संतों ने देश महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्रालय, देश के सर्वोच्च न्यायालय एवं तमिलनाडु के राज्यपाल के नाम माननीय जिलाधीश महोदय को ज्ञापन सौंपा। रास्ते भर सनातन धर्म का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्थान,भारत माता की जय के उद्घोष किए गए एवं स्टालिन के खिलाफ सख्त कार्यवाही की माँग की ।