हवन यज्ञ के साथ सनातन संस्कार शिविर का समापन

Support us By Sharing

चौथ का बरवाड़ा 23 जून। धर्म जागरण मंच, चौथ का बरवाड़ा के तत्वावधान में आयोजित तैतीस दिवसीय द्वीतीय आत्म रक्षा, चरित्र निर्माण एवं सनातन संस्कार शिविर रविवार को शिविर स्थल राज राजेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण मे वैदिक मंत्रोच्चारण व हवन यज्ञ के साथ शिविर का समापन हुआ।
विद्या भारती के जिला संस्कार केंद्र प्रमुख महेंद्र कुमार वर्मा एवं प्रशिक्षक ओमाशंकर गुर्जर, मेघराज हल्दुनियां, अजय हलदुनियाँ, मनीष वर्मा, राजू शर्मा, बाबूलाल सैनी, मोहन लाल सैनी तथा सी एल सैनी, बबलू महावर एवं वृद्धिचंद महावर ने बालक- बालिकाओं को योग की त्रिवेणी में डुबकी लगवाई। उन्होंने बालकों को यौगिक क्रियाएँ सूर्य नमस्कार, दंड-बैठक एवं विभिन्न खेलों का अभ्यास कराया। आचार्य पंडित अवधेश किशोर दाधीच ने योग एवं यज्ञ का महत्व पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज योग और यज्ञ के बल पर शारीरिक, चारित्रिक एवं आध्यत्मिक उन्नति करते हुए तन को निरोग मन को शुद्ध एवं वातावरण को प्रदूषण मुक्त रखतते थे। उन्होने बालक- बालिकाओं से अग्निकुंड को साक्षी मानकर अपने समस्त दुर्गुणों, व्यसनों, बुराइयों को छोड़ने व योग-प्राणायाम को प्रतिदिन करने का संकल्प दिलवाया। समापन समारोह के दौरान मुख्यअतिथि रमेश चंद शर्मा कोषाध्यक्ष राजस्थान पेंशनर्श समाज ने अपने उद्बोधन मे छात्रों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि खेलते- कूदते सीखना ही सबसे अच्छा होता है। उन्होंने छात्रों को आगे पढ़ने की सलाह देते हुए दो बातों पर जोर दिया। अनुशासन और दृढ़ इच्छाशक्ति की सहायता से आप जीवन के किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं।
मुख्यवक्ता वरिष्ठ अधिवक्ता अजय शेखर दवे ने छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि समय को नियोजित करके ही अपने लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। संरक्षक अनिल जैन ने कहा की यह दूसरा वर्ष है जब हम समर कैंप का सफल आयोजन कर पाए और आगे भी इसे जारी रखने का प्रयास करेंगे। उन्होंने छात्रों को अपने हुनर को पहचान कर आगे बढ़ने को कहा। इसके लिए कड़ी मेहनत एवं लगन आवश्यक है। शिक्षक गिर्राज़ प्रसाद वर्मा ने सपत्नीक हवन प्रक्रिया मे भाग लिया एवं जम्मू कुमार जैन ने भी बालकों को सिंगल यूज प्लास्टिक के दुष्परिणामों को बताते हुए बालकों को पर्यावरण संरक्षण का संकल्प दिलाया।
समर कैंप में भाग लेने वाले समस्त छात्रों एवं शिक्षकों को अतिथियों के कर-कमलों द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। पालकों ने भी कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम द्वारा बच्चों के आंतरिक गुणों की पहचान हो जाती है। जिससे उन्हें जीवन में आगे बढ़ने में सहायता मिलती है, इसलिए ऐसे कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित किए जाने चाहिए।
शिविर संयोजक अनेंद्र सिंह आमेरा एवं शिविर प्रभारी राकेश शर्मा ने सबको धन्यवाद ज्ञापित किया। इस शिविर मे कुल 120 बालक बालिकाओं ने प्रशिक्षण लिया।


Support us By Sharing