Bhilwara : शाहपुरा ब्रह्माकुमारी सेंटर पर पर्यावरण दिवस पर लगाये पौधे

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बिना पेड़ पौधों के आदमी का जीवन मुश्किल ही नहीं नामुमकिन-संगीता दीदी

शाहपुरा|विश्व पर्यावरण दिवस पर सोमवार को गांधीपुरी में स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय केंद्र परिसर में पौधरोपण किया गया। केंद्र प्रभारी ब्रकु संगीता दीदी ने बताया कि पौधा रोपित करने के साथ केंद्र पर आने वाले साधकों से पौधरोपण करने का आव्हान किया गया। अतिथियों ने ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने और पेड़ों को बचाने पर जोर दिया। इस मौके पर सेवानिवृत जिला शिक्षा अधिकारी शिव्रपकाश सोमाणी, शिक्षाविद बालकृष्ण सोमाणी एवं समाजसेवी राधेश्याम जीनगर, ओमप्रकाश मूंदड़ा, मुरलीधर मौजूद रहे।
इसी दौरान ब्रह्माकुमारी संगीता दीदी ने पर्यावरण के विषय में विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया की पेड़ पौधे हमारे जीवन के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं और बिना पेड़ पौधों के आदमी का जीवन मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। उन्होंने वर्तमान में मनुष्य और प्रकृति के बीच में बिगड़ते संतुलन पर चिंता जाहिर की। उन्होंने यह भी कहा की यदि इसमें जल्द सुधार नहीं किया गया तो महामारी और आपदाएं बढ़ती जाएगी। जो आने वाले समय में भयंकर संकट साबित होगी,। इसलिए हमें पर्यावरण की रक्षा हेतु संकल्पित होना चाहिए। वह इसके लिए आमजन में जागरूकता की नितांत आवश्यकता है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में कम से कम 5 पौधे अवश्य लगाने चाहिए। जल, जमीन, जंगल और जानवरों की सुरक्षा से ही पर्यावरण सरंक्षण संभव है।
मुख्य अतिथि सेवानिवृत जिला शिक्षा अधिकारी शिव्रपकाश सोमाणी ने कहा कि औद्योगिकिरण और शहरीकरण को नया रूप प्रदान करने के लिए जो समय-समय पर पेड़ो की कटाई की जाती है। मापदंडों के अनुसार तो ठीक है परंतु विकास के साथ-साथ हमारा कहीं न कही नुकसान भी है जिसके कारण आज ग्लोबल वार्मिंग की दशा देखने को मजबूर होना पड़ रहा है। मानव की आवश्यकताए असीमित हो गई यदि हम कम से कम संसाधनो का उचित उपयोग करे और साथ ही साथ अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाए और समय प्रति समय उसकी पालना भी करते रहे तो ये हमारा पर्यावरण बहुत ही सुंदर और हरा भरा हो जाएगा। समस्त अतिथियों ने परिसर में पौधारोपण किया।
शिक्षाविद बालकृष्ण सोमाणी एवं समाजसेवी राधेश्याम जीनगर ने कहा कि वर्तमान समय में प्रदूषण इतना विकराल रूप ले चुका है कि हर किसी को अपनी व्यक्तिगत जिम्मेदारी लेने की जरूरत है। पर्यावरण को संरक्षित और संवर्धित करने के लिए जहां पर भी खाली जगह मिले, वहां पौधारोपण करके प्रकृति से जुड़ें। यदि मानवता को बचाना है तो प्रकृति का संरक्षण करना ही होगा। अधिक से अधिक फसल प्राप्त करने के लिए हमने जमीन को जहरीला बना दिया है। जमीन की उर्वरा शक्ति कम हो रही है। प्रकृति से उतना ही लें, जितनी आवश्यकता है। क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला बहन ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि के कारण प्रकृति की दशा दयनीय हो गई है। जंगल कटने से गर्मी बढ़ती जा रही है, पर्यावरण प्रदूषित होता जा रहा है। कल्पतरु योजना के अंतर्गत आने वाले 75 दिनों में हमारे संस्थान का लक्ष्य देश भर में 40 लाख पौधे लगाने का है।

Moolchand Peshwani


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