जयपूर 4 दिसम्बर। शासन सचिव महिला एवं बाल विकास महेन्द्र सोनी ने कहा है कि साथिन कार्यकर्ताएं पंचायतों को बालक एवं महिला हितेषी बनाएं। शासन सचिव महिला एवं बाल विकास महेन्द्र सोनी यूनिसेफ राजस्थान के सहयोग से पंचायती राज विभाग, महिला अधिकारिता निदेशालय तथा मंजरी संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में 33 जिलों की 66 साथिन कार्यकर्ताओं के दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम ष्पंचायत संग साथिनष् को सम्बोधित कर रहे थे।
सोनी ने पंचायत साथिनों को कहा कि वे बाल एवं महिला हितैषी पंचायत बनाने के पुनीत कार्य में पूर्ण योगदान दें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान अंतर्गत एक अनूठी पहल के रूप में ष्पंचायत संग साथिनष् प्रशिक्षण कार्यक्रम एक सार्थक आयोजन है। इसके माध्यम से पंचायत स्तर पर सकारात्मक भाव से महिला एवं बालकों के विकास में अपनी भूमिका का निर्वहन करें। उन्होंने साथिनों को प्रेरित करते हुए कहा कि आप साथिन कार्यकर्ताएं ही बाल एवं महिला हितैषी पंचायतें बनाएंगी।
कार्यक्रम के दौरान पंचायत स्तरीय प्रशिक्षण के रुप में साथिनों को विकसित करने के लिये यूनिसेफ एवं विभाग द्वारा तैयार प्रशिक्षण मॉड्यूल तथा पोस्टर का विमोचन महिला एवं बाल विकास विभाग के शासन सचिव महेन्द्र सोनी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में महिला अधिकारिता आयुक्त श्रीमती नीतू राजेश्वर, पंचायती राज संयुक्त शासन सचिव गुरुदर्शन सिंह रमाना तथा अतिरिक्त निदेशक महिला अधिकारिता श्रीमती नीतू राज़ेश्वर, साथिन परियोजना यूनिसेफ के सामाजिक नीति विशेषज्ञ शफकत हुसैन उपस्थित रहे।
पंचायती राज संयुक्त शासन सचिव गुरुदर्शन सिंह रमाना ने अपने सम्बोधन में कहा कि महिला हितैषी पंचायत और बाल हितैषी पंचायत बनाने के लिए जिलों में इस प्रकार के पंचायत संग साथिन प्रशिक्षण आयोजित किये जाएँगे।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान उपस्थित साथिनों को सतत् विकास स्थानीयकरण, बाल हितैषी पंचायत, महिला हितैषी पंचायत तथा ग्राम पंचायत विकास योजना निर्माण पर विस्तार से प्रषिक्षण दिया गया। सम्बोधन के दौरान शासन सचिव महिला एवं बाल विकास महेन्द्र सोनी ने बताया कि राज्य में 14 वर्ष तक के बच्चों की आबादी 14 प्रतिषत है तथा हमारी आधी आबादी महिलाएं हैं, इस प्रकार महिलाएं और बच्चे मिलकर 64 प्रतिषत आबादी हैं। ग्राम पंचायत विकास योजना का लाभ इनको मिलना चाहिये।