शाकाहार-सदाचार मद्यनिषेध आध्यात्मिक जनजागरण यात्रा पहुंची कादीसहना
जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था के मुख्यालय मथुरा से संस्थाध्यक्ष पूज्य पंकजजी महाराज के सानिध्य में शाकाहार-सदाचार मद्यनिषेध आध्यात्मिक जनजागरण यात्रा शाहपुरा के कादीसहना पहुंची।
जयगुरुदेव संगत भीलवाड़ा के जिला प्रवक्ता अनिल सोनी ने बताया कि आज पूज्य पंकजजी महाराज ने कहा सन्तों महात्माओं के सत्संग में किसी व्यक्ति, जाति, धर्म की आलोचना नही की जाती है बल्कि यहाँ तो भगवान की भक्ति के प्रति शौक, श्रद्धा पैदा की जाती है। सत्संग से विवेक जागृत होता है। ‘‘सतयुग त्रेता द्वापर बीता। काहू न जानी शब्द की रीता।’’ पंक्तियों को उद्धृत करते हुये उन्होनंे कहा सतयुग, त्रेता, द्वापर बीत गया किसी ने शब्द (साउण्ड) का रास्ता नहीं बताया। कलियुग में दयालु प्रभु ने सन्तों को भेजकर सुरत-शब्द योग (नाम योग) की साधना का मार्ग जारी कराया और कहा ऐ सुरतों-आत्माओं ! तुम अनहदवाणी, आकाशवाणी पर उतार कर मानव शरीर में लाई गयी हो लेकिन अब शब्द से सम्बन्ध टूट गया। जब सन्त सत्गुरू मिल जायेंगे तुम्हारा सम्बन्ध शब्द से जोड़ देंगे। ध्यान के द्वारा दिव्य दृष्टि, शिवनेत्र खुल जायेगा तुम त्रिकालदर्शी हो जाओगी। वर्तमान भूत भविष्य का बोध हो जायेगा। इसलिये चेत जाओं। जीवन की पूंजी को प्रभु के भजन में लगाओ जिस काम के लिए आये हो उसे प्राप्त करो।
महाराज जी ने शाकहार के महत्व पर प्रकाश डालते हुये कहा ‘‘तिल भर मच्छी खाइ कै, कोटि गऊ दे दान। काशी करवट ले मरै तो भी नर्क निदान।’’ भगवान के भजन के लिये शाकाहारी-सदाचारी होना जरूरी है।
इस अवसर पर संस्था के महामन्त्री बाबूराम यादव, जयगुरुदेव आश्रम मथुरा के प्रबन्धक सन्तराम चैधरी, सहित राजस्थान संगत के प्रान्तीय अध्यक्ष विष्णु कुमार सोनी, उपाध्यक्ष हरिनारायण ‘भोपा जी’, अध्यक्ष संगत अजमेर राजेन्द्र सोनी, फूलसिंह रावत, रामधन जाट, रामराज जाट, लालाराम मीणा, भगवत सिंह राणावत सरपंच, साँवरा जाट आदि मौजूद रहे।