Sawai Madhopur : सांसद जौनापुरिया एवं भाजपा जिलाध्यक्ष ने गिनाई राज्य सरकार की नाकामियाँ

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1 अप्रैल से स्वतः जागू हो जाती है बजट घोषणाऐं फिर पंजीकरण क्यों – जौनापुरिया

सवाई माधोपुर 17 मई। (राजेश शर्मा)। भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र सरकार के 9 वर्ष पूर्ण पर आयोजित होने वाले महासंपर्क अभियान को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के निर्देश पर टोंक सवाई माधोपुर सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया, भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील दीक्षित ने बुधवार को सर्किट हाउस में प्रेसवार्ता आयोजित कर राज्य सरकार की नाकामियाँ गिनाई। सांसद जौनापुरिया एवं जिलाध्यक्ष दीक्षित ने कहा कि प्रदेश की गहलोत सरकार दो भागों में बटी हुई है। कांग्रेस सरकार के मंत्री खुले मंच से अपनी सरकार को देश की सबसे भ्रष्ट सरकार बता रहे हैं।
प्रेसवार्ता के दौरान सांसद जौनापुरिया ने बताया कि गहलोत सरकार ने 2022-23 मई के बजट में 100 यूनिट बिजली प्रतिमाह मुफ्त देने की घोषणा की थी परंतु 90 दिन से अधिक निकल जाने के बाद भी यह घोषणा लागू नहीं हुई है। उन्होने कहा कि आचार संहिता लगने से महज साड़े चार माह पहले राहत शिविर के नाम पर सरकार अपना प्रोपेगेंडा चला रही है। राहत शिविरों में जो गारंटी दी जा रही है वह तो बजट घोषणा में शामिल थी जिसे 1 अप्रैल से स्वतः ही लागू हो जाना चाहिए थी। महंगाई राहत कैंप के नाम पर पहले से चल रही केंद्र सरकार और पूर्ववर्ती सरकारों की योजनाओं का पुनः पंजीकरण कराने से आमजन को सिवाय परेशानी के कोई लाभ नहीं होगा। कांग्रेस सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना 500 से बढ़ाकर 750 प्रति माह की तब इसका पुनः पंजीकरण नहीं कराया गया और जब 750 से 1000 की तब इसका पुन पंजीकरण क्यों कराया गया। ऐसी ही चिरंजीव योजना में बीमा राशि 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख की गई तब इसका पुनः पंजीकरण नहीं कराया गया इसी तरह निशुल्क बिजली योजना में सरकार द्वारा किया गया।
प्रेसवार्ता में उन्होने बताया कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में जो फ्यूल सरचार्ज 18 पैसे हुआ करता था वह कांग्रेस सरकार ने बढ़ाकर 60 पैसे प्रति यूनिट कर दिया। 2018 में बिजली के प्रति यूनिट 5.55 पैसे हुआ करती थी। वह बढ़ाकर 11.90 पैसे कर दी गई है।
उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं सचिन पायलट की अंतर कलह के कारण साड़े चार साल से प्रदेश की आम जनता को राहत देने के बजाय दिव्यांग बुजुर्ग महिलाओ को कड़ी धूप में कई घंटों तक कतार में खड़ा कर प्रताड़ित करने का काम गहलोत सरकार कर रही है। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डायरेक्ट बेनिफिट योजना के माध्यम से लाभार्थियों के बैंक खातों में सब्सिडी पहुंचाई जा रही है।
भाजपा नेताओं ने बताया कि कांग्रेस सरकार ने घोषणा की थी कि 5 वर्ष तक बिजली की दरों में बढ़ोतरी नहीं करेंगे परंतु 6 बार से अधिक बिजली की दरों में बढ़ोतरी की गई और सरकार ने 7 पैसे प्रति यूनिट अडानी कर लगाया है। किसानों को दिन में बिजली देने का वादा किया लेकिन आज दिन तक किसानों को सर्द रात में ही बिजली 2 से 3 घंटे दी गई केंद्र सरकार की कुसुम योजना के तहत किसानों को सोलर पंप दिए जाने थे राज्य सरकार की उदासीनता के कारण किसानों को सोलर पंप नहीं दिए गए। उद्योगों की बिजली उपलब्ध नहीं हो रही है।
उन्होने बताया कि राजस्थान में विद्युत उत्पादन निगम के 10 थर्मल व हाइडल प्लांट और तीन अन्य पावर प्लांट हैं। जिनकी केपिसिटी 8597.35 मेगावाट बिजली उत्पादन की है लेकिन सरकार की नीतियों के चलते कोयले की कमी तकनीकी खराबी का बहाना बनाकर उत्पादन घटकर महज 3500 से 4000 मेगावाट पर आ गया। वही प्रदेश सरकार के गलत प्रबंधन के चलते प्रदेश में में प्रतिमाह पांच से सात थर्मल पावर प्लांट बंद हो जाते हैं। विंड एनर्जी और सोलर एनर्जी के मामले में भी प्रदेश में 17143 मेगावाट के विद्युत संयंत्र लगे होने के बावजूद इनसे पैदा होने वाली बिजली में प्रदेश की जनता को 3326 मेगावाट बिजली मिल पाती है। इस हिसाब से देखा जाए तो प्रदेश में उत्पादित बिजली का 23 फीसदी हिसा ही प्रदेश को मिल पाता है। जबकि 77 फीसदी उपयोग प्रदेश के बाहर निजी विद्युत कंपनियों के उपयोग में आ रही है। कोयला खरीद में व्याप्त घोटाले में कोयला कंटेनरो में 30प्रतिशत कोयले की चोरी पकड़ी गई है। जिसमें औसतन एक कंटेनर में 10 लाख का कोयला होता है। प्रतिदिन 500 से 600 ट्रकों से कोयला चोरी किया जाता है। एक तरफ सरकार 23.309 मेगावाट क्षमता बिजली उत्पादन के साथ सरप्लस बिजली होने की बात कहती है दूसरी तरफ में प्रदेश में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 6 से 10 घंटे अघोषित बिजली कटौती करती है कि महंगाई बिजली के मामले में राजस्थान देश में चैथे नंबर पर है। पेयजल संकट की स्थिति बदतर है 11440 गांव में पानी की टैंकर भेजे गए लेकिन उनका भुगतान नहीं होने के चलते पेयजल व्यवस्था ठप हो गई है। प्रदेश के सैकड़ों गांवों में पेयजल व्यवस्था रामभरोसे है। केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन योजना का बुरा हाल करने में प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है।
प्रेस काॅन्फ्रेंस के दौरान पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष सुरेश जैन, पूर्व नगर परिषद सभापति कमलेश जैलिया, गंगापुर के पूर्व पंचायत समिति सदस्य उदय सिंह गुर्जर, रामलखन गुर्जर, सुधीर शर्मा, उत्तम गुर्जर आदि भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।


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