भरतपुर|एसबीआई की मेहंदीपुर बालाजी शाखा के 11 करोड़ रुपए के सिक्का घोटाले के मामले में खेड़ली मोड़ थाना पुलिस और सीबीआई की संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए 4 साल से फरार चल रहे मुख्य आरोपी राजेश कुमार मीना को गिरफ्तार किया है। एसबीआई की मेहंदीपुर बालाजी शाखा के तत्कालीन कैशियर राजेश कुमार मीना ने अकाउंटेंट और जॉइंट कस्टोडियन के साथ मिलकर बड़ा घोटाला किया था। उसने करेंसी नोटों को अपनी इलेक्ट्रॉनिक कैश ड्रॉवर में सिक्कों के रूप में दिखाकर 11 करोड़ रुपए का गबन किया था। दरअसल, साल 2016 से 2021 तक एसबीआई ब्रांच में करीब 13 करोड़ 1 लाख 71 हजार 275 रुपए के ये सिक्के जमा हुए थे। 18 जून 2021 को हरगोविंद मीणा ने जब बैंक मैनेजर का चार्ज संभाला तो उन्हें सिक्के कम होने का शक हुआ। जिस पर उन्होंने सिक्कों की गिनती करवाने के लिए अर्पित गुड्स करियर को इसका टेंडर दिया गया। जिसके बाद अधिकृत फर्म की ओर से शाखा मैनेजर हरगोविंद मीणा की देखरेख में मेंहदीपुर बालाजी की राधा रमण धर्मशाला में 22 जुलाई 2021 से सिक्कों की गिनती की जा रही थी। इस दौरान 10 अगस्त 2021 को फर्म के मैनेजर सतीश शर्मा बालाजी की राधा रमण धर्मशाला में ठहरा हुआ था। रात में करीब 10-15 हथियारबंद बदमाशों ने फर्म के मैनेजर को सिक्कों की गिनती नहीं करने को कहा, साथ ही सिक्कों की गिनती करने पर जान से मारने की धमकी दी। फर्म मैनेजर ने वॉट्सऐप और ब्रांच के ई-मेल पर शिकायत भेजी। जिस पर बैंक मैनेजर हरगोविंद मीणा ने तत्कालीन करौली एसपी मृदुल कच्छावा को लेटर भेजकर शिकायत की थी। जिस पर 16 अगस्त 2021 को टोडाभीम थाने में मामला दर्ज हुआ था। मामले में तत्कालीन बैंक मैनेजर हरगोविंद मीणा ने पिछले 5 साल में बैंक में कार्यरत रहे 9 ब्रांच मैनेजर सहित 40 बैंक कर्मचारियों के खिलाफ परिवाद में नाम दिए थे। एसबीआई ने मामले के खुलासे के लिए जांच सीबीआई से कराने के लिए जयपुर हाईकोर्ट की शरण ली थी। जहां मामले की गंभीरता को देखते हुए 18 अप्रैल 2022 को हाईकोर्ट ने एसबीआई बैंक की याचिका पर मेहंदीपुर बालाजी के एसबीआई बैंक के तहखाने से गायब हुए 11 करोड़ के सिक्कों के मामले में सीबीआई से जांच कराने के आदेश दिए थे।