शंकरगढ़ में अनफिट वाहनों से ढोए जा रहे स्कूली बच्चे

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विद्यालय संचालकों की लापरवाही से हो सकती है बड़ी दुर्घटनाएं

प्रयागराज। निजी स्कूलों के वाहनों में क्षमता से कई गुना अधिक संख्या में बच्चे ढोए जा रहे हैं। सीट कम संख्या अधिक होने की वजह से अधिकतर बच्चे खड़े होकर सफर करने को मजबूर हैं। 8 सीटों वाली मारुति ओमनी गाड़ी में 15 से 20 बच्चे बैठाए जाते हैं। यह नौनिहालों के लिए खतरे का संकेत है। अभिभावक भी बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं दिख रहे। निजी स्कूलों में प्रतिबंधित पुरानी गाड़ियों का परिचालन हो रहा है। ऐसी गाड़ियों से हादसों की हर समय आशंका बनी रहती है। जानकारों की माने तो स्कूलों में चलने वाली सबसे खराब स्थिति ऐसी गाड़ियों की है जो ट्रांसपोर्टरों से हायर की गई है। सूत्रों की मानें तो कई रसूख वाले ट्रांसपोर्टरों के वाहन निजी स्कूलों में चल रहे हैं। इनके आगे जिला परिवहन विभाग व क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार बेबस है। क्षेत्र के कई निजी स्कूलों के पास पर्याप्त संख्या में वाहन नहीं है। ऐसी स्थिति में अधिकतर ने किराए पर लिया है वाहन मालिकों ने खस्ताहाल वाहनों की रंगाई पुताई कर उसे स्कूल प्रबंधन को दे दिया है। ऐसे वाहन कभी भी हादसे के शिकार हो सकते हैं। क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार ने 5 वर्ष से पुराने वाहनों को स्कूल में चलाने पर रोक लगा रखी है। प्राधिकार द्वारा 5 वर्ष से अधिक पुरानी वाहनों को परमिट नहीं दिया जाता है। ऐसे में वाहन संचालक रूट परमिट पर स्कूलों में वाहनों का परिचालन करा रहे हैं। कई निजी स्कूलों के वाहनों में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। यहां कोर्ट की गाइडलाइन को नजर अंदाज किया जा रहा है। स्कूल प्रबंधकों की रसूख की वजह से अधिकारी कार्यवाही की हिम्मत नहीं जुटा पाते। शंकरगढ़ क्षेत्र में दर्जन भर से ज्यादा कॉन्वेंट स्कूलों का संचालन इस वक्त पर हो रहा है। और सैकड़ो की संख्या में मारुति ओमनी गाड़ी जिसमें एलपीजी सिलेंडर का प्रयोग करके कम पैसे में ज्यादा लाभ कमाने के चक्कर में वाहन मालिक स्कूल संचालक से सांठ गांठ करके गाड़ियों को चलवा रहे हैं। आखिर क्या वजह है कि इतनी भारी मात्रा में स्कूलों में प्रतिबंधित वाहन लगे हुए हैं और अधिकारियों की इस और नजर भी नहीं जा रही है। गिने चुने कुछ स्कूलों के अलावा अधिकतर स्कूलों में चल रहे वाहनों में फिटनेस पंजीयन अग्निशमन यंत्र वाहन का रंग रोगन नंबर सब गायब हैं बावजूद उसके फर्राटे भर रहे हैं और जिम्मेदार अंजान बने हुए हैं।


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