कुशलगढ| राजस्थान राज्य भारत स्काउट एंड गाइड स्थानीय संघ कुशलगढ़ के तत्वावधान में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय नवीन कुशलगढ़ में चल रहे। ग्रीष्मकालीन कौशल विकास एवं अभिरुचि प्रशिक्षण शिविर के संभागियों द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पोस्टर एवं निबंध प्रतियोगिता में भाग लेकर तथा छायादार वृक्षों का रोपण कर पर्यावरण जागरूकता का संदेश दिया। शिविर संचालक एवं राजस्थान राज्य भारत स्काउट एंड गाइड स्थानीय संघ कुशलगढ़ के सचिव दिग्पाल सिंह राठौड़ एवं सहायक संचालक प्रेम प्रकाश जाटव ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी महोदय के आदेशनुसार ग्रीष्मकालीन कौशल विकास एवं अभिरुचि शिविर में सम्मिलित 55 संभागियो द्वारा शिविर में आयोजित विश्व पर्यावरण दिवस की पोस्टर प्रतियोगिता एवं निबंध प्रतियोगिता में बढ़ चढ़कर भाग लिया जिसमें पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम गुनगुन ताबीयार, द्वितीय मेहंदी शाह, तृतीय जिनल कतिजा एवं नरगीश शाह रहे । वहीं निबंध प्रतियोगिता में प्रथम ज्योति भोई, द्वितीय रीना गणावा तृतीय नन्दनी डामोर रहे।आम जनमानस को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए इन स्काउट गाइड संभागियों द्वारा मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के आर पी दयाराम परमार,पेंशनर्स प्रकोष्ठ के अध्यक्ष रमेश चंद्र चौहान एवं रवि पब्लिक स्कूल के प्रधानाध्यापक जगदीश चौहान शिविर सहायक संचालिका मधुबाला राव,कन्हैयालाल निनामा के सानिध्य में राजकीय महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रथम कुशलगढ़ में छायादार एवं जनउपयोगी वृक्षारोपण किया गया। इस अवसर पर मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय कुशलगढ़ के आरपी दयाराम परमार ने बच्चों को बताया कि आज की परिस्थितियों में बढ़ते तापमान एवं ग्लोबल वार्मिंग को रोकने का एक मात्र माध्यम पेड़ पौधे ही है। जो मानव जीवन को सुखमय बना सकते है। अन्यथा भविष्य में तापमान की ओर ज्यादा वृद्धि हो सकती है।जिससे मानव जीवन ख़तरे में पड़ सकता है।जिसका दोषी सिर्फ मनुष्य ही हैं। प्रकृति के अन्य जीव जंतु प्राकृतिक संसाधनों के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं करते। केवल मनुष्य ही इस प्रकृति का अपनी सुख सुविधाओं के लिए दोहन करने का प्रयास करता रहता है। शिविर संचालक दिगपाल सिंह राठौड़ ने बच्चों को बताया कि आने वाली प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए हमें कम से कम प्राकृतिक वस्तुओं के साथ छेड़छाड़ करनी चाहिए । प्राकृतिक वस्तुओं का मानव जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है । इनके बिना हमारा जीवन में हम कितना ही विकास क्यों न करले स्वच्छ प्राकृतिक वातावरण के बिना हमारा जीवन कभी भी सुखमय नहीं हो सकता । इसलिए हमें प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करने के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए । वृक्ष धरती का श्रृंगार है उनकी सुरक्षा करना हम सबका नैतिक एवं मानवीय दायित्व भी हैं । कार्यक्रम में रमेश चंद्र चौहान कन्हैयालाल निनामा दिग्पाल सिंह राठौड़ जगदीश चौहान दयाराम परमार मधुबाला राव प्रेमप्रकाश जाटव साधना पवार एवं ग्रीष्मकालिन कोशल विकास एवं अभिरुचि शिविर के सम्भागी उपस्थित रहे।संचालन कन्हैयालाल निनामा ने किया।आभार मधुबाला राव ने व्यक्त किया ।