मच्छर रोधी दवा छिड़काव पर जिम्मेदार एक दूसरे पर जिम्मेदारी बताकर झाड़ रहे पल्लू
कागजों तक सिमटा संचारी रोग अभियान
प्रयागराज। क्षेत्र में मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है इससे अस्पताल में मरीजों की भीड़ बढ़ती जा रही है।पहले बारिश फिर गर्मी उमस का जोर बढ़ने से अब मौसमी बीमारियों ने पैर पसारना शुरू कर दिया है। मौसम में हो रहे लगातार बदलाव के कारण अस्पताल मरीजों से फुल होने लगी है। शासन की ओर से संचारी रोगों की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे हैं अभियान कागजों पर सिमट कर रह गया है। विभाग का कहना है कि अभियान के अंतर्गत गांव से लेकर नगर तक मच्छर रोधी दवा का छिड़काव किया जा रहा है, साथ ही आशा कार्यकत्रियां घर-घर जाकर बुखार के मरीजों की जांच कर रही हैं। जबकि हकीकत दावे के बिल्कुल विपरीत है, धरातल पर अभियान कुछ ही जगहों पर दिख रही है बाकी जगहों पर इसकी कहीं कोई उपस्थित नहीं है। गांवों में कहीं पर भी मच्छर रोधी दवा का छिड़काव नहीं किया जा रहा है शाम ढलने के बाद लोग मच्छरों के प्रकोप से परेशान हैं। नगर से लेकर गांवों तक नालियां चोक हैं सड़े हुए गंदे पानी की दुर्गंध से लोगों का जीना मोहाल हो रहा है। जब कि संचारी रोग नियंत्रण और दस्तक अभियान को कई विभागों के समन्वय से चलाना है। इसमें स्वास्थ्य विभाग,ग्राम पंचायत विभाग व नगर पंचायत की अहम भूमिका है। ग्राम पंचायत विभाग की ओर से जल भराव वाली जगह की सफाई के साथ उसे ढंकना भी है, वही पटिया से नहीं ढंकने की स्थिति में उस पर मिट्टी डालकर पाटना है। वहीं स्वास्थ्य विभाग की ओर से ओआरएस का पैकेट बांटने के साथ जो भी बुखार के मरीज है उन्हें चिन्हित कर सभी के खून की जांच का भी निर्देश दिया गया है। लेकिन इस अभियान के आगाज के बाद से ही अब यह कागजों में ही सिमट कर रह गया है। सभी विभाग के लोग सिर्फ कोरम पूरा करने में ही लगे हैं। आलम यह है कि नगर से लेकर गांवों तक नालिया गंदी पड़ी हुई है मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि लार्वासाइड के छिड़काव के लिए ब्लॉक और सीएचसी पर दवा उपलब्ध कराई गई है। आवश्यकता के अनुसार इसका कहीं पर भी छिड़काव कराया जा सकता है पर ऐसा कहीं भी देखने को नहीं मिल रहा है। इस बावत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक शंकरगढ़ डॉक्टर अभिषेक सिंह ने बताया कि 13 जून को विकासखंड शंकरगढ़ और 21 जून को नगर पंचायत में छिड़काव के लिए दवा उपलब्ध करा दी गई है। वहीं एडीओ पंचायत व नगर पंचायत ईओ का कहना है कि गांवों और नगर में दवा का छिड़काव करवा दिया गया है। जबकि वहीं ग्राम वासियों व नगर वासियों का कहना है कि कहीं भी मच्छर रोधी दवा का छिड़काव नहीं करवाया गया जिससे मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाने से तमाम प्रकार की बीमारियों से लोग ग्रसित हैं। अस्पताल में पहले तो रोगियों को डॉक्टर को दिखाने के लिए लाइन में लगना पड़ता है इसके बाद दवा लेने के लिए भी घंटों तक प्रतीक्षा करनी पड़ रही है। जिससे मरीज अस्पताल में ठीक होने से पहले ही अधिक बीमार हो जाता है। अस्पताल खुलने के साथ ही बंद होने तक रोगियों की भीड़ उमड़ रही है। ऐसे में सिस्टम पर सवाल उठना लाजिमी है कि मच्छर रोधी दवा उपलब्ध होने के बाद भी गांव नगर में दवा का छिड़काव ना होना अधिकारियों की लापरवाही व उदासीनता साफ झलक रही है जो सिर्फ एक दूसरे पर जिम्मेदारी बताकर अपना पल्लू झाड़ रहे हैं। बता दें कि क्षेत्र के ग्राम गढ़वा किला, हड़ही, छिपिया, करिया खुर्द, कोहड़िया, शंकरगढ़ कस्बा, नारीवारी आदि तमाम गांव में लोग संक्रामक बीमारी की चपेट में हैं।