वरिष्ठ नागरिक प्रभु भक्ति में लीन होकर समाज सेवा को दे प्राथमिकता: पंडित बृजेंद्र शास्त्री महाराज


वरिष्ठ नागरिक मंच की मासिक बैठक आयोजित, नए सदस्यों एवं अक्टूबर माह में जन्मदिन उनका किया स्वागत एवं सम्मान

भीलवाडा। परमात्मा सागर है और जीव उस सागर पर उभरती लहरें सागर और लहरे सत्य की दृष्टि से भिन्न है क्योंकि सागर नित्य है जबकि लहरें आनी जानी किंतु देखा जाए तो लहरें सागर से भिन्न नहीं है वही सागर भी हे। यह विचार मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता के रूप में पधारे हुए प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित बृजेंद्र शास्त्री महाराज ने अपने उद्बोधन में व्यक्त किए। अवसर था वरिष्ठ नागरिक मंच की आज वरिष्ठ नागरिक भवन पर आयोजित मासिक बैठक का। उन्होंने कहा कि उम्र के इस पड़ाव में विधि और निषेध का पूर्ण ध्यान रखते हुए जीवन यापन करना चाहिए, वरिष्ठ नागरिकों को वानप्रस्थाश्रम के अनुसार अधिक से अधिक प्रभु भक्ति में लीन होकर समाज सेवा को प्राथमिकता देनी चाहिए। सर्वप्रथम सलाहकार मंडल सदस्य आरपी रूंगटा ने सभी का स्वागत किया। अध्यक्ष मदन खटोड़ ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आगामी कार्यक्रमों पर विस्तार से चर्चा की। बैठक का संचालन करते हुए संयुक्त महासचिव कैलाश चंद्र सोमानी ने गत बैठक एवं पिछले माह संपन्न हुए कार्यक्रमो का विवरण प्रस्तुत किया। महिला प्रमुख वीणा खटोड़ ने भी अपने विचार रखे। बैठक में नए बने सदस्यों एवं अक्टूबर माह में जिन सदस्यों का जन्मदिन है उनका स्वागत एवं सम्मान किया गया। बैठक में कोषाध्यक्ष मूलचंद बाफना, भगवान दास नथरानी, नेमीचंद जेन, बंशीलाल डिडवानिया, राधेश्याम अजमेरा, कैलाशचंद्र पुरोहित, ओमप्रकाश लढा, भवानी शंकर शर्मा, उमाशंकर शर्मा, राजकुमार अजमेरा, महेश खंडेलवाल, गणेश लाल गुप्ता, डा. केसी पंवार, चंद्रकला सोमानी, मंजू खटवड़, उर्मिला माहेश्वरी, निर्मला लखोटिया, विमला सोमानी आदि उपस्थित थे।


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