शाहपुरा के गणेश पांडाल में जानवर के अवशिष्ट मिलने के मामले को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब इस मामले में शाहपुरा विधायक डॉ. लालाराम बैरवा ने पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि बिना स्थानीय जनता और हिंदू संगठनों को विश्वास में लिए, पुलिस और प्रशासन ने मामले का पटापेक्ष (समाप्ति) कर दिया, जिससे जनता में असंतोष बढ़ गया है। आज दोपहर में हिन्दू संगठनों की ओर से 3 बजे जिला प्रशासन को ज्ञापन देने की घोषणा की गई है।
विधायक डॉ. बैरवा ने अपनी आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस और प्रशासन ने आनन-फानन में इस मामले को निपटाने की कोशिश की, लेकिन इस प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी रही। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने तीन युवाओं की मौजूदगी में कथित तौर पर भाईचारे का प्रदर्शन कराया, जबकि हिंदू संगठनों और शिकायतकर्ताओं को इस प्रक्रिया से दूर रखा गया।
विधायक का मानना है कि यदि पुलिस और प्रशासन ने सभी संबंधित पक्षों को विश्वास में लिया होता, तो इस घटना पर सवालिया निशान नहीं उठते। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इस मामले में पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने जल्दबाजी में काम किया है, और उनके खिलाफ सक्षम स्तर पर शिकायत दर्ज की गई है। राज्य के मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा संज्ञान लिया गया है।
डॉ. बैरवा ने यह बयान जम्मू से जारी किया है, जहां वे वर्तमान में जम्मू विधानसभा चुनाव के तहत अखनूर में पर्यवेक्षक के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश जारी कर इस मामले में अपनी चिंता व्यक्त की।
ज्ञात हो कि गणपति विसर्जन के अगले दिन शाहपुरा के गणेश पांडाल में जानवर के अवशिष्ट मिलने से तनाव फैल गया था। प्रशासन ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर इस मामले को सुलझाने का दावा किया, जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि एक श्वान द्वारा अवशिष्ट पांडाल में लाया गया था। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच भाईचारे का प्रदर्शन किया गया, लेकिन अब विधायक डॉ. बैरवा के इस बयान ने मामले को फिर से चर्चा में ला दिया है। अब इस घटनाक्रम से शाहपुरा में प्रशासन की कार्रवाई पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं, और स्थानीय जनता में इसे लेकर गहरा असंतोष देखा जा रहा है। अब देखना यह होगा कि आगे क्या कदम उठाए जाते हैं और इस विवाद का समाधान कैसे किया जाता है।