आज होगा शिव महा पुराण कथा का समापन
राजसमन्द 10 अक्टूबर। शिव महापुराण के षष्ठ दिवस के अवसर पर साध्वी सुहृदय गिरि ने कहा कि जीवन में मिठास प्राप्त करना हो तो राग, द्वेष, लालच से बाहर निकलना होगा। हमें नमक और शक्कर के अंतर को समझना होगा तभी जीवन में आने वाले दुःख सुख पर आसानी से पार पा सकते हैं।
साध्वी ने कहा कि स्वयं विष पीकर दुनिया को अमृत प्रदान करने वाले भोलेनाथ से प्रेरणा लेनी चाहिए। मानव जीवन बड़ा कठिनाई से मिलता है, इसमें चाहे जितने कष्ट आए बिना स्वार्थ जो अपने आपको परमार्थ के लिए प्रस्तुत करता है वो सच्चा शिव सेवक होता है।
कथा श्रवण के दौरान स्वामी सत्यश्रवा, पूर्व नगर परिषद सभापति आशा पालीवाल कैलाश काबरा जगदीश जागेटिया राजेश्री सेन माहेश्वरी युवा संगठन के बादल बिहानी गिरिराज हेडा राकेश सोमानी लोकेश कोगटा कार्तिक बापडोत दिनेश स्वर्णकार किशन प्रजापत विषाग सेन लोकेश राजोरा नारायण श्रीमाली वरद पूरी कनक मल मूंदड़ा पुष्कर तेली गणेश वीरवाल राजेश्री सेन कमला कीर वंदना श्रीवास्तव मथुरा दाधीच आदि सैंकड़ों श्रोता उपस्थित थे।