बांसवाड़ा| तिरुपति नगर तिरुपत्तेश्वर महादेव मंदिर के प्रथम प्राकटोत्सव के उपलक्ष में दिव्य ज्योति जागृती संस्थान द्वारा पांच दिवसीय 14 जून से 18 जून तक सांय 7:00 बजे से रात्रि 9:30 बजे तक संगीत मय शिव आराधना का आयोजन हो रहा है। सर्वप्रथम महादेव मंदिर समिति द्वारा विदुषी साध्वियों तथा वादक गुरु भाइयों का ऊपरना ओढा कर स्वागत किया गया।दिव्य सत्संग के माध्यम से सर्वश्री आशुतोष जी महाराज की शिष्या साध्वी विदुषी प्रपूर्णा भारती ने कहा कि जहां संतों का आगमन होता है वहां विचारों का शुद्धिकरण होता है। जिसने कभी परमात्मा की कथा नहीं सुनी वह कान सांप के बील के समान है। गोस्वामी तुलसीदास जी कहते हैं जिसके हृदय में भक्ति नहीं वह मनुष्य सव के समान है। साध्वी जी ने भगवान गणेश की विवेचना करते हुए बताया कि गणेश विवेक के प्रतीक है जिस दिन मनुष्य में बुद्धि के साथ विवेक आ जाएगा तब हमारा जीवन सुख मय बन जाएगा, हम ईश्वर के अंश हैं व अंत में उसी में मिलना है।जिस समय सत्य से मिलना होता है। इसी समय सत्संग होता है। भगवान गणेश की सूंड का वर्णन करते हुए बताया कि जब ज्ञान व कर्म का समावेश होगा तब हमारा जीवन उन्नति प्राप्त करेगा। सत्संग के मध्य साध्वी विदुषी पूनम भारती तथा विदुषी मनीषा भारती ने भजन- शरण में ले लो है श्री राम, शिव शंकर नमामि, गाइए गणपति जगवंदन, यह जो मिला है जीवन तुम्हारा, तेरी जय हो गजानंद जी, लाख चौरासी के फेरे, भजनों के साथ सेंथोसिजर पर साध्वी विदुषी स्वधा भारती, तबले पर गुरु भाई ओमप्रकाश जेठवा तथा गिटार पर गुरु भाई पवन ने संगत दी जिसमें श्रोतागण भाव विभोर होकर झूम उठे अंत में आरती प्रसाद के साथ समारोह को विराम दिया गया । समारोह में कई गणमान्य नागरिक व कला साधक उपस्थित रहे।