शाहपुरा, मूलचन्द पेसवानी। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के शाहपुरा स्थित गांधीपुरी केंद्र में त्रिमूर्ति शिव जयंती महोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की केंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी संगीता बहन ने इस मौके पर गांधीपुरी केंद्र में शिव ध्वज फहराने के बाद कहा कि परमात्मा शिव द्वारा मनुष्य आत्माओं के कल्याणार्थ सत्य ज्ञान दिया गया। लोगों ने शिव ध्वज के नीचे खड़े होकर स्वयं पुरूषार्थ से अपनी बुराईयों को त्यागने की प्रतिज्ञा ली। केंद्र पर आज शिव ध्वजारोहण, विशेष प्रवचन के साथ विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। शिवरात्रि 8 मार्च पर केंद्र प्रभारी का माउंटआबू प्रवास होने से यह महोत्सव आज मनाया गया।
केंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी संगीता बहन ने कहा कि परमात्म ज्ञान को सुनने से मन में शीतलता व वाणी में मधुरता आती है। स्वयं को बदलकर शांति की शक्ति को धारण करना है। मौन व्रत यानी एक तय समय तक कुछ न बोलने का व्रत आपके शरीर और मन को कई जबरदस्त फायदे देता है। उन्होंने मौन व्रत पालने के नियम और इसके लाभ बताते हुए स्वस्थ रहने के लिए सात्विक भोजन करने की सलाह दी।
ब्रह्माकुमारी संगीता बहन ने बताया कि शिव जयंती पर परमपिता परमात्मा का शिव ध्वजारोहण किया गया। उन्होंने संस्था का परिचय एवं लक्ष्य बताया एवं संस्था के लिए सहयोग करने की अपील की। आंगतुकों को प्रतीक चिह्न व प्रसाद वितरण किया गया।
उन्होंने कहा कि शिवरात्रि से सम्बन्धित रस्म-रिवाजों को स्पष्ट करते हुए उन्होंने बतलाया कि शिवलिंग पर पानी मिश्रित दूध और दही की धार टपकाने का अभिप्राय है कि हम अपनी बुद्घि का तार सतत् रूप से परमात्मा से जोड़कर रखें, बेलपत्र चढ़ाने का तात्पर्य है कि परमात्मा के प्रति समर्पित भाव रखें तथा अक, धतूरा जैसे सुगन्धहीन और काँटेदार फूल भेंट करने का रहस्य है कि अपनी बुराइयों और विकारों को जो कि कांटों की तरह दुरूख पहुँचाते हैं, परमात्मा को अर्पित कर निर्विकारी और पवित्र बनें। इसी प्रकार सिर्फ एक रात जागने से अविनाशी प्राप्ति नहीं होगी बल्कि अब तो कलियुग रूपी महारात्रि चल रही है, उसमें आत्मा को ज्ञान द्वारा जागृत करना ही सच्चा जागरण है।
इस मौके पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय गांधीपुरी केंद्र पर अखिल व्यास, ओमप्रकाश मून्दड़ा, राधेश्याम जीनगर, राहुल, मुरलीधर सिंधी, सरोज राठौड़ सहित कई साधक मौजूद रहे।