श्री बांके बिहारी रथयात्रा मेला शुरू, हलैना में कुश्ती दंगल आज

Support us By Sharing

– बांके बिहारी महाराज ने किया हलैना का भ्रमण – रमाकांत लाटा

भुसावर|ग्राम पंचायत एवं श्री बांके बिहारी जी महाराज मेला कमेटी की ओर से कस्वा हलैना के अतिराम सागर किनारे श्री विजय हनुमान रामलीला मैदान निकट समृद्व भारत अभियान ग्रामीण हाट बाजार व मेला ग्राउण्ड पर तीन दिवसीय 322 वां श्री बांके बिहारी जी महाराज रथयात्रा एवं कुश्ती दंगल मेला शुरू हो गया,जिसका उद्घाटन सरपचं दीपेश कुमार जाटव की अध्यक्षता में हुआ,जबकि ग्राम सेवा सहकारी सेवा समिति हलैना के पूर्व चेयरमेन श्याम सिंह सोंलकी,पंचायत समिति सदस्य संजय गुप्ता,पंच राकेश कुमार मीणा,पूर्व पंच विनोद मित्तल,भागचन्द लवानियां अतिथि रहे। सरपचं दीपेश कुमार जाटव ने कहा कि मेला भाई चारा व प्रेम के प्रेतीक है,ऐसे आयोजन से लोगों में देशभक्ति,समाज व मानव सेवा के भाव जागरूक होते है। मेला अधिकारी व ग्राम विकास अधिकारी श्यामलाल जाटव ने बताया कि ग्राम पंचायत एवं मेला कमेटी के द्वारा 8 मई से श्री बांके बिहारी जी महाराज रथयात्रा एवं कुश्ती दंगल मेला शुरू हो गया,जो मेला 10 मई तक लगेगा। 9 मई को इन्दिरा काॅलोनी स्थित रमन वकील के खेत में सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक जूनियर तथा दोपहर 2 बजे से सायं 7 बजे तक सीनियर वर्ग का राष्ट्रीय स्तर का विषाल कुश्ती दंगल और 10 मई को मेला का समापन होगा। उन्होने बताया कि कुश्ती दंगल के मुख्य अतिथि वैर के विधायक बहादुर सिंह कोली तथा विषिष्ठ अतिथि पंचायत समिति वैर की प्रधान साक्षी दीपक कुमार,वैर के पूर्व प्रधान पंकज बिजवारी,पूर्व पंचायत समिति सदस्य गजेन्द्र सिंह टन्टा,जिला परिषद सदस्य राकेश किराड होंगे। अध्यक्षता सरपचं दीपेश कुमार करेंगे।
– ठाकुर जी ने किया हलैना का भ्रमण
ग्राम पंचायत एवं मेला कमेटी के द्वारा महन्त सुरेशचन्द मुदगल के सानिध्यं में श्री बांके बिहारी जी महाराज की रथ यात्रा निकाली गई,जो अतिराम सागर किनारे स्थित कचहरी वाला देवस्थान विभाग के प्राचीन श्री बांके बिहारी जी महाराज मन्दिर के प्रारम्भ हुई और कस्वा के पुराना बाजार,अग्रसेन बाजार,लवानियां बाजार, नया बाजार,बस स्टेण्ड,कटरा,गांधी सर्किल,अतिराम महल,जाटव बस्ती,गढ भीतर, चबूतरा,इन्दिरा काॅलोनी,मेला स्थल होकर श्री विजय हनुमान मन्दिर पहुंची,रास्ता में ग्रामीणों ने फूल व इ़त्र वर्षा कर पूजा-अर्चना की। जिसके बाद रथ यात्रा श्री बांके बिहारी जी महाराज मन्दिर पहंुची,जहां महाआरती की गई।
– ठाकुर अतिराम सिंह ने निकाली पहली रथयात्रा
भरतपुर रियासत के संस्थापक महाराजा सूरजमल के चचेरे भाई ठाकुर अतिराम सिंह ने साल 1702 में भगवान श्री बांके बिहारी जी महाराज मन्दिर की प्रतिष्ठा अतिराम सागर किनारे कराई,तभी से ठाकुर अतिराम सिंह व उनके वंशज एवं गांव के लोगों के द्वारा 1702 में पहली बार बांके बिहारी जी रथयात्रा निकाली और ग्रामीणों के मनोरंजन के वास्ते मेला लगवाया। तभी से प्रतिसाल वैशाख माह की मावस को भगवान श्री बांके बिहारी जी महाराज की रथयात्रा निकाली गई और मेला आयोजित किया जाता है,जो प्रथा आज भी कायम है। यात्रा में हलैना सहित आसपास के गांव के भारी सख्यां में लोग शामिल होकर लकडी से बने विशाल रथ को रस्सा व हाथों से खींचते। साल 1947 के बाद ये मन्दिर देवस्थान विभाग के अधीन चला गया और ग्राम पंचायत के अधीन मेला चला गया।
– बैलगाडी के बाद ऊंटगाडी,अब ट्रेक्टर-ट्राॅली
बंाके बिहारी जी की रथ यात्रा साल 1702 से 1947 तक लकडी से बने रथ,साल 1947 से 1981 तक बैलगाडी तथा 1982 से 2004 तक ऊंटगाडी में निकलती थी,अब ये यात्रा जुगाड,टेम्पू या ट्रेक्टर-ट्राॅली में निकलती है। साल 1702 से 1998 तक भगवान श्रीकृष्ण के प्रेमी एवं गांव के लोग जिस वाहन में श्री बांके बिहारी जी महाराज विराजमान होते थे,उसे रस्सा-रस्सी से हाथों से खींच कर कस्वा का भ्रमण कराते थे। अब ये प्रथा धीरे-धीरे गायब हो गई और आधुनिक वाहनों में ठाकुर जी को विराजमान कर कस्वा में भ्रमण कराते है।


Support us By Sharing