नदबई-तहसील के गांव करीली स्थित राधा-कृष्ण मंदिर परिसर में चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा महोत्सव का मंगलवार को भव्य समापन हुआ। समापन दिवस पर कथा पंडाल श्रद्धालुओं से खचाखच भरा रहा। आस-पास के गांवों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर इस आध्यात्मिक महोत्सव में सहभागी बने और प्रभु कथा का रसपान किया।
वहीं कथा में सुदामा चरित्र की भव्य झांकी सजाई गई, जिसने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। इस झांकी में भगवान श्रीकृष्ण और उनके बालसखा सुदामा के मिलन प्रसंग को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया, जिसे देखकर उपस्थित श्रद्धालु भावविभोर हो गया।
झांकी के दौरान जब सुदामा दरबार में श्रीकृष्ण से मिलने पहुंचे और भगवान ने उन्हें गले लगाकर सम्मानपूर्वक आसन पर बैठाया, तो कथा स्थल पर भक्ति और भावनाओं का ज्वार उमड़ पड़ा। श्रद्धालुओं की आंखें नम हो गईं और भक्ति गीतों की मधुर स्वर लहरियों के साथ वातावरण कृष्णमय हो गया। श्रद्धालु भजनों का आनंद लेते हुए सुदामा-कृष्ण के दर्शन में लीन हो गए। झांकी में कलाकारों द्वारा भावपूर्ण अभिनय और पारंपरिक वेशभूषा ने इस प्रसंग को और भी प्रभावशाली बना दिया।

कथा वाचक प्रेम कृष्ण जी महाराज ने इस अवसर पर कहा, सुदामा चरित्र हमें सिखाता है कि सच्चा प्रेम, मित्रता और समर्पण ही जीवन का वास्तविक धन है। जब प्रेम में निःस्वार्थता होती है, तो स्वयं भगवान भी भक्त की सेवा के लिए तत्पर हो जाते हैं।
कथा वाचक प्रेम कृष्ण जी महाराज ने समापन अवसर पर अपने प्रवचन में वर्तमान समय की व्यस्त जीवनशैली पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, आज का मनुष्य दिन-रात सिर्फ काम में डूबा हुआ है। वह प्रभु का नाम लेना, भक्ति करना और अपने आत्मिक जीवन को समझना भूल गया है।यही कारण है कि आज के समय में लोग मानसिक तनाव और डिप्रेशन जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं।उन्होंने कहा कि भक्ति और सत्संग जीवन की दिशा बदलने की शक्ति रखते हैं।
इस अवसर पर भरत सिंह छाबड़ी ने जानकारी देते हुए बताया कि, सोमवार को हवन-यज्ञ के साथ श्रीमद् भागवत कथा का पूर्णाहुति समारोह आयोजित किया जाएगा।यज्ञ के उपरांत विशाल भंडारे का आयोजन भी किया जाएगा,जिसमें सभी श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद की व्यवस्था की गई है।