भरतपुर|भरतपुर में अपना घर आश्रम में जब बहन-भाई का 4 साल बाद मिलन हुआ तो सभी की आंखें छलछला आई। भाई विक्की कानू ने कहा कि बहन के मिलने से होली की खुशियां दोगुनी हो गई। भाई को उम्मीद थी कि एक दिन बहन घर वापस जरूर आएगी लेकिन उस समय भाई व अन्य परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा, जब संबंधित थाने के पुलिसकर्मी ने घर पर जाकर भाई को बताया कि आपकी बहन अपना घर आश्रम भरतपुर में रह रही है। अपना घर आश्रम समिति की अध्यक्ष बबीता गुलाटी ने बताया कि असम के जिला तिनसुकिया की निवासी मुन्नी देवी मानसिक रूप से कमजोर थी। वह चार वर्ष पहले बिना बताए ससुराल से मायके जा रही थी लेकिन घर नहीं पहुंच पाई। वह भटकते हुए 27 जुलाई 2022 को लखनऊ पहुंची और वहां से किसी ने उसे अपना घर आश्रम भरतपुर में पहुंचा दिया। आश्रम में सेवा एवं उपचार के बाद मुन्नी के स्वास्थ में सुधार हुआ तो इन्होंने अपना पता बताया और अपना घर आश्रम की पुनर्वास टीम ने आसाम के तिनसुखिया के मकुम गांव में पुलिस के जरिए सूचना भिजवाई, इसके बाद मुन्नी का भाई विक्की कानू और बुआ का लडका विकी कुमार गुप्ता आए। बबीता गुलाटी ने बताया कि जब भाई से मुन्नी देवी को आश्रम में मिलवाया गया तो एक बारगी बहन-भाई एक दूसरे से लिपटकर फफक पड़े और दोनों की आंखों से अश्रुधारा बहने लगी, जिन्हें देख उपस्थित सभी की आंखे नम हो गई। भाई विक्की कानू ने बताया कि 4 साल पहले बहन जब घर से निकली थी तो इनके दो बेटे जिनकी उम्र 10 व 8 साल थी। दोनों बेटे ननिहाल में रहकर पढ़ रहे हैं। आज बहिन के मिलने से दोनों बेटों के बैरंग जीवन में खुशियां के रंग लौट आए हैं।