जटवाड़ा में श्मशान स्थल से समाजकंटकों ने काटे हरे पेड़, ग्रामीणों ने किया विरोध प्रदर्शन
सूरौठ। गांव जटवाड़ा में स्थित श्मशान स्थल में कई साल पहले ग्रामीणों की ओर से लगाए गए दो दर्जन से अधिक हरे पेड़ों को समाजकंटकों ने काट दिया। शमशान स्थल से हरे पेड़ों के काटने से ग्रामीणों में रोष व्याप्त हो गया। ग्रामीणों ने शमशान स्थल से हरे पेड़ों के काटने की घटना के विरोध में शनिवार को प्रदर्शन किया तथा प्रशासन से हरे पेड़ काटने वाले समाजकंटकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
सामाजिक कार्यकर्ता राज गिरीश सहारिया, जगमोहन डागुर, गोपाल गंधार, सोरेन जाट, भारत जाट आदि ने बताया कि जटवाड़ा के मोक्ष धाम में कई वर्ष पूर्व ग्रामीणों की ओर से पीपल, बरगद, नीम, अशोक, आंवला, शीशम आदि के पौधे लगाए गए थे। ग्रामीणों के रखरखाव की वजह से सभी पौधों ने छायादार वृक्षों का रूप ले लिया था। श्मशान स्थल में लगे हुए छायादार वृक्षों को अज्ञात समाज कंटकों ने काट दिया। शनिवार को सुबह ब्राह्मण समाज चौबीसा के अध्यक्ष प्रकाश नारायण सहारिया के नेतृत्व में ग्रामीण गांव के मुख्य चौराहे पर एकत्रित हुए और नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। ग्रामीण श्मशान घाट पहुंचे तथा वहां पर कटे पड़े हुए पेड़ों को देखकर काफी आक्रोश जताया। ग्रामीणों ने बताया कि दो दर्जन से अधिक पेड़ों को बेवजह काटा गया है। पहले ही शमशान घाट में मूलभूत सुविधा जैसे पानी, छाया, चबूतरा एवं फर्श की इंटरलॉकिंग आदि का अभाव है। पंचायत प्रशासन से लेकर सांसद तक इस बारे में कई बार अवगत कराया गया है फिर भी श्मशान घाट में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवाई गई हैं।
श्मशान स्थल से हरे पेड़ों के काटने की घटना के विरोध में ब्राह्मण समाज चौबीसा के अध्यक्ष प्रकाश नारायण सहारिया, समाजसेवी जगमोहन जाट, सेवानिवृत्त कंपाउंडर राम भरोसी बाबा, मुनीम गंधार, गोपाल गंधार, भीम सिंह जाट, भारत सिंह, जगदीश सहारिया, धर्मी जाट, सोरेन जाट सहित काफी ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही हरे पेड़ काटने वाले समाजकंटकों का खुलासा कर आवश्यक कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन शुरू किया जाएगा।