समाजजन बौद्धिक दिव्यांग बच्चों के प्रति रहें संवेदनशील: गिरीश अग्रवाल


बौद्धिक दिव्यांग बच्चों के निःशुल्क अभिरुचि शिविर का शानदार आगाज, प्रशिक्षकों ने दी गतिविधियों को नई उड़ान

भीलवाडा। (पंकज पोरवाल) भारत विकास परिषद्, स्वामी विवेकानन्द शाखा द्वारा आयोजित बौद्धिक दिव्यांग बच्चों के लिए निःशुल्क अभिरुचि शिविर अभ्युदय का आज भारत विकास भवन, शास्त्रीनगर में भव्य शुभारंभ हुआ। एक अनोखी पहल…सहारा नहीं साथ चाहिए…के प्रेरक संदेश के साथ शुरू हुए इस शिविर में बौद्धिक दिव्यांग बच्चों ने उत्साहपूर्वक विभिन्न गतिविधियों में भाग लिया। शिविर में पहले दिन 32 बच्चों ने भाग लिया जिन्हें तीन ग्रुप में प्रशिक्षण दिया गया। उद्घाटन सत्र में भारत विकास परिषद राजस्थान मध्य प्रांत के पूर्व अध्यक्ष पारसमल बोहरा ने अपने विचार रखे। महिला संयोजिका अनु हिम्मतरामका ने बताया कि शिविर के पहले दिन, अनुभवी प्रशिक्षकों ने अपनी विशेषज्ञता से बच्चों को विभिन्न कलाओं और कौशलों से परिचित कराया। आशा काबरा ने बच्चों को सरल और मनोरंजक तरीके से इंग्लिश स्पीकिंग की कक्षाएं दीं, जिससे बच्चों ने नए शब्दों और वाक्यों को सीखने में रुचि दिखाई। निहारिका तोषनीवाल ने वोकेशनल प्रशिक्षण के अंतर्गत बच्चों को दैनिक जीवन में उपयोगी कौशल सिखाए, जिससे उनकी आत्मनिर्भरता की नींव मजबूत हुई। वहीं, विनीता गुरनानी ने अपनी ऊर्जावान शैली में बच्चों को नृत्य की विभिन्न मुद्राओं से अवगत कराया, जिससे बच्चों ने लय और ताल का अनुभव किया। रेखा सिंह ने आर्ट एंड क्राफ्ट की कक्षा में बच्चों की रचनात्मकता को पंख दिए, जहाँ उन्होंने रंग और आकार के साथ अपनी कल्पना को साकार किया। विनीता चौधरी और कृष्णा अग्रवाल ने मिलकर बच्चों को जिम्नास्टिक के मूलभूत आसनों का अभ्यास कराया, जिससे उनके शारीरिक विकास और समन्वय को बढ़ावा मिला। शिविर की तैयारियों और सफल आयोजन में परिषद् के अध्यक्ष गिरीश अग्रवाल, सचिव केजी सोनी, कोषाध्यक्ष आदित्य मानसिंहका के साथ विनती तापड़िया, गायत्री आचार्य, सुचिता झंवर भी सक्रिय रूप से योगदान दे रहे हैं। महिला संयोजिका अन्नू हिम्मतरामका महिला प्रतिभागियों की विशेष जरूरतों का ध्यान रख रही हैं, जबकि प्रकल्प प्रभारी आशा काबरा पूरे शिविर की प्रगति पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं। अध्यक्ष गिरीश अग्रवाल ने कहा कि शिविर का उद्देश्य बौद्धिक दिव्यांग बच्चों की प्रतिभाओं को पहचानना और उन्हें एक ऐसा मंच प्रदान करना है जहाँ वे अपनी विशिष्ट क्षमताओं का प्रदर्शन कर सकें। उन्होंने समाज से अपील की कि वे इन बच्चों के प्रति संवेदनशील रहें और उन्हें विकास के समान अवसर प्रदान करने में सहयोग करें। यह शिविर 25 मई तक चलेगा और इसमें बौद्धिक दिव्यांग बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी। बच्चों के प्रमाण पत्र भी महात्मा गांधी अस्पताल के सहयोग से बनवाए जाएंगे।


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