शंकरगढ़ के गुड़िया तालाब पर बढ़ते अतिक्रमण को लेकर समाजसेवी ने डीएम को लिखा पत्र किया कार्यवाही की मांग


प्रयागराज। शंकरगढ़ नगर पंचायत के वार्ड नंबर 3 में स्थित ऐतिहासिक गुड़िया तालाब पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। एक सामाजिक कार्यकर्ता ने जिलाधिकारी और उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर तालाब की जमीन पर अवैध कब्जे को हटाने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।शिकायत कर्ता ने कहा कि नगर पंचायत प्रशासन की अनदेखी के चलते तालाब के तालाबी भूभाग पर अवैध निर्माण कार्य तेजी से हो रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि नगर पंचायत के अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी ने अतिक्रमणकारियों को लाभ पहुंचाने के लिए तालाब के आसपास मूलभूत सुविधाएं, जैसे – बिजली, पानी, सड़क और नाली का निर्माण कराया है।मुख्य निर्माण कार्य जो तालाब के अस्तित्व के लिए खतरा बन रहे हैं। इंटरलॉकिंग सड़क, नाली का निर्माण, प्रधानमंत्री आवास आदि बन गए हैं जिससे तालाब की शक्ल बदलती जा रही है।गुड़िया तालाब पर अवैध अतिक्रमण का मामला पहले भी कई बार सुर्खियों में आ चुका है। हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद प्रशासन की ढील के कारण अतिक्रमणकारियों का हौसला बढ़ता गया।फरवरी 2023 में हाईकोर्ट के आदेश पर राजस्व विभाग की टीम ने तालाब का निरीक्षण किया था और अवैध कब्जे का आकलन किया गया था। इसके बाद कब्जाधारियों की सूची भी तैयार की गई थी।
मार्च 2023 में तहसील प्रशासन ने आदेश जारी किया कि यदि आगे कब्जे का प्रयास हुआ, तो नगर पंचायत के कर्मचारी जिम्मेदार होंगे।जुलाई 2023 में हाईकोर्ट के निर्देश पर तहसील प्रशासन ने 17 अवैध मकानों को ध्वस्त किया था और 160 अन्य मकानों के मालिकों को नोटिस भी जारी की गई थी। 2022 में देवकली नंदन शिक्षा समिति ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर बताया कि सरकारी मदद से 35 लोगों को तालाब क्षेत्र में आवास आवंटित किए गए हैं, जिससे तालाब का अस्तित्व खतरे में है। जनवरी 2023: समिति ने पुनः हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की, जिसके बाद कोर्ट ने जिलाधिकारी प्रयागराज से स्पष्टीकरण मांगा था। इसके अलावा विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं द्वारा समय-समय पर गुड़िया तालाब के संरक्षण और अवैध कब्जाधारियों को हटाने की मांग मौखिक और लिखित रूप से उठती रही है लेकिन इसका कोई ठोस और स्थाई हल आज तक नहीं निकल गया। इन सबके बावजूद भी शंकरगढ़ में स्थित प्राचीन गुड़िया तालाब पर ना तो राजस्व विभाग ना तो नगर पंचायत ध्यान दे रहा है जिस गुड़िया तालाब की शक्ल बदलती जा रही है।समाजसेवी घनश्याम केसरवानी ने कहा कि अगर प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो गुड़िया तालाब का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। उन्होंने मांग की कि तालाब के भूभाग से अतिक्रमण पूरी तरह हटाया जाए और दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की जाए। गुड़िया तालाब शंकरगढ़ क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण जल स्रोत है, जिसे बचाने के लिए समाज और प्रशासन के संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता है। इस मुद्दे पर जनता के साथ-साथ मीडिया, सामाजिक संगठनों और पर्यावरणविदों ने भी अपनी चिंता जाहिर की है।


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