जिला चिकित्सालय में सोनोग्राफी मशीन बंद कमरे में खा रही धूल

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शाहपुरा में निजी सेंटर संचालक की मनमानी रेट वसूलने से परेशान जनता

शाहपुरा के जिला चिकित्सालय में लंबे समय से सोनोग्राफी मशीन बंद होने से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसका फायदा यहां एक निजी सोनोग्राफी सेंटर उठा रहा है। जिला चिकित्सालय के सामने स्थित टाक सोनो एंड लैब में सोनोग्राफी करवाने के मरीजों से मनमाने दाम वसूले जा रहे है। यह सेंटर भीलवाड़ा जिला मुख्यालय पर स्थित निजी सेंटरों से भी ₹500 तक अधिक एक सोनोग्राफी करने पर वसूल रहा है जिससे मरीज खासे परेशान है। शहर में एक मात्र ही यह सोनोग्राफी सेंटर होने से प्रतिदिन यहां 100 से अधिक मरीज सोनोग्राफी करवाने पहुंचते हैं। मनमानी रेट की शिकायत के बावजूद भी चिकित्सा प्रशासन इस ओर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।

सेंटर पर नहीं चस्पा है रेट लिस्ट-इस सोनोग्राफी सेंटर पर किस प्रकार की सोनोग्राफी की क्या रेट है इसकी सूची भी नहीं लगाई गई है जिससे आमजन गुमराह रहता है।

सुविधाओं की भी है कमी – मनमाने दाम वसूलने के बाद भी यहां मूलभूत सुविधाएं मरीज को मुहैया नहीं करवाई जा रही। तेज गर्मी के मौसम ठंडी हवा के लिए कूलर तो लगे हुए हैं लेकिन वे बंद ही दिखते हैं।

कोई रोकने-टोकने वाला नहीं – जीव दया समिति के संयोजक अत्तु खान कायमखानी ने बताया कि इस सोनोग्राफी सेंटर पर कार्रवाई के लिए चिकित्सा प्रशासन क्यों गंभीर नहीं है यह सभी की समझ से परे है इस सेंटर संचालक को ना तो कोई रोकने वाला है ना कोई टोकने वाला। लगातार मरीजों के साथ यह लूट का खेल खेल रहा है। चिकित्सा प्रशासन को इन सोनोग्राफी सेंटर पर रेट लिस्ट तय कर चस्पा करवानी चाहिए।

बंद कमरे में धूल खा रही 10 लाख रुपए की लागत की मशीन- जिला चिकित्सालय में यों तो सोनोग्राफी मशीन उपलब्ध है। नगर पालिका शाहपुरा ने 3 वर्ष पहले 10 लाख रुपए की लागत से यह सोनोग्राफी मशीन यहां उपलब्ध करवाई थी लेकिन सोनोलॉजिस्ट के अभाव में इस मशीन का संचालन यहां नहीं हो पा रहा है जिससे मरीजों को काफी परेशानी हो रही है।


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