बढ़ते शहरीकरण व फैलते तारों के जाल से संकट में गौरैया: बाबूलाल जाजू


विश्व गौरैया दिवस पर बच्चों को घोसलों का किया वितरण

भीलवाडा। विश्व गौरेया संरक्षण दिवस पर पीपल फॉर एनिमल्स एवं वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो द्वारा सेठ मुरलीधर मानसिहंका बालिका विद्यालय में गौरेया की संख्या बढ़ाने के लिए बच्चों को घोसलों का वितरण करते हुए पीपल फॉर एनिमल्स के प्रदेश प्रभारी पर्यावरणविद् बाबूलाल जाजू ने कहा कि संरक्षण के अभाव में गौरेया पक्षी लुप्तता के कगार पर है। बड़े पेड़ों की कमी, बढ़ता शहरीकरण, फैलते तारों के जाल एवं मोबाईल टॉवर के बढ़ने से प्रदूषण व तापमान बढ़ा है जिसके कारण गौरेया को घोसले बनाने की जगह नहीं मिलती है और उनका प्रजनन प्रभावित होता है वहीं पेस्टीसाईड्स के प्रयोग से गौरेया का भोजन कीट व कीडे नष्ट हो जाते हैं जिससे इनकी संख्या में निरंतर कमी हो रही है। पीएफए महासचिव गुमान सिंह पीपाड़ा ने बच्चों से गौरेया संरक्षण के लिए घोसला लगाने की अपील की। इस अवसर पर विद्यालय की रानी तंबोली, निधि यादव, सांवलमल ओझा ने भी गौरैया संरक्षण पर विचार व्यक्त किए।


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