बच्चों को आत्मरक्षा, संस्कार कथाएं, सहीत राष्ट्रभक्ति से परिपूर्ण गतिविधियों के माध्यम से दी जाएगी शिक्षा
भीलवाडा। भारत विकास परिषद शाखा विवेकानंद, भीलवाड़ा द्वारा संस्कार प्रकल्प के अंतर्गत कच्ची बस्ती एवं आर्थिक रूप से वंचित बच्चों के लिए समर्पित विशेष बाल संस्कार शिविर का शुभारंभ किया गया। यह सात दिवसीय शिविर उन बच्चों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जो संसाधनों के अभाव के कारण जीवन के मूल्यों, अनुशासन, स्वास्थ्य एवं आत्मरक्षा जैसे विषयों से वंचित रहते हैं। शिविर का उद्घाटन माँ भारती एवं स्वामी विवेकानंद के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर क्षेत्रीय संपर्क सचिव गोविंद प्रसाद सोडाणी, बालमुकुंद डाड, कार्यक्रम प्रभारी भेरूलाल अजमेरा एवं शिविर संयोजक गायत्री आचार्य द्वारा किया गया। शाखा अध्यक्ष गिरीश अग्रवाल एवं सचिव केजी सोनी ने जानकारी दी कि परिषद द्वारा प्रतिवर्ष बाल संस्कार शिविर का आयोजन किया जाता है, परंतु इस बार शिविर को विशेष रूप से कच्ची बस्ती, पुराने कपड़े बेचने वाले समाज बस्ती, हरिजन बस्ती, बंजारा बस्ती एवं कुचबंदा समाज के बच्चों के लिए केंद्रित किया गया है, ताकि उन बच्चों तक पहुंचा जा सके जो जीवन में सही मार्गदर्शन के मोहताज हैं। शिविर से पूर्व परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर व्यक्तिगत संपर्क कर अभिभावकों से संवाद किया गया। उन्हें शिविर के उद्देश्यों से अवगत कराते हुए विशेष आग्रह किया गया कि वे अपने बच्चों को इस संस्कार यात्रा में सहभागी बनाएं। प्रथम दिन 63 बच्चों ने शिविर में भाग लिया, जिनमें अनेक बालक-बालिकाएं थीं जो पहली बार इस प्रकार के किसी शिक्षाप्रद एवं मनोरंजक शिविर का अनुभव ले रही थीं। बच्चों को खेलकूद, योग, प्रार्थना, सूर्य नमस्कार, देशभक्ति गीत, आत्मरक्षा, स्वच्छता, संस्कार कथाएं, मन की बात, आहार व स्वास्थ्य वार्ता, आनंद मेला, दौड़, व्यायाम, प्राणायाम एवं राष्ट्रभक्ति से परिपूर्ण गतिविधियों के माध्यम से शिक्षा दी जाएगी। मधुबाला यादव द्वारा प्रस्तुत राष्ट्रभक्ति गीत देश हमें देता है सब कुछ, हम भी तो कुछ देना सीखें…ने शिविर में ऊर्जा भर दी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से पधारे प्रशिक्षित कार्यकर्ता अजय अग्रवाल एवं जगदीश चन्नाल ने बच्चों को उनकी रुचि के अनुसार विविध खेलों में संलग्न किया, जिससे बच्चों में आत्मविश्वास व टीम भावना का विकास हुआ। प्रांतीय संपर्क संयोजक रजनीकांत आचार्य ने बच्चों को संबोधित करते हुए बताया कि सुबह उठकर धरती माता को प्रणाम, माता-पिता को नमस्कार करना एवं स्वच्छता के साथ दिनचर्या का पालन करना संस्कार का मूल है। उन्होंने सभी बच्चों से आग्रह किया कि वे अगले दिन एक नया बच्चा अपने साथ लेकर आएं ताकि अधिक से अधिक बच्चों तक संस्कारों की यह अलख पहुंच सके। आज के शिविर में पारसमल बोहरा, कैलाश अजमेरा, शिवनारायण ईनाणी, राजेंद्र पारीक एवं राजकुमार बंब की विशेष उपस्थिति रही, जिन्होंने बच्चों को प्रेरित करते हुए परिषद की इस पहल की सराहना की। यह शिविर दिनांक 15 जून तक प्रतिदिन प्रातः 7 से 10 बजे तक आयोजित किया जाएगा, जिसमें 15 वर्ष तक के बच्चों को भाग लेने का अवसर मिलेगा। आयोजकों ने अपील की है कि कच्ची बस्ती एवं आसपास के सभी अभिभावक इस स्वर्णिम अवसर का लाभ उठाएं और अधिक से अधिक बच्चों को संस्कार युक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के इस अभियान में सहभागी बनाएं।