शंकरगढ़ क्षेत्र के गांवों में नहीं हो रहा संक्रामक रोगों के निदान हेतु दवा का छिड़काव
प्रयागराज। ब्यूरो राजदेव द्विवेदी। बदलते मौसम में संक्रामक रोग अपनी जड़े ज़माने में लगा है इन रोगों की रोकथाम के लिए फॉगिंग व दवा का छिड़काव नहीं हो रहा है संक्रामक रोगों का निदान कैसे होगा ऐसे में लोगों ने सरकार और विभाग पर उंगलियां उठाना शुरू कर दिया है। बता दें कि जनपद के यमुनानगर विकासखंड शंकरगढ़ क्षेत्र में जहां इस समय लोग संक्रामक बीमारियों से लेकर वायरल फीवर, डेंगू मलेरिया आदि रोगों की चपेट में हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शंकरगढ़ व ब्लॉक कर्मी एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते हुए अपनी-अपनी जिम्मेदारियां से पल्ला झाड़ने नजर आ रहे हैं। जबकि क्षेत्र में दवा का छिड़काव ना होने की वजह से लोग संक्रामक बीमारियों की चपेट में आते जा रहे हैं वहीं स्वास्थ्य विभाग और ब्लॉक कर्मचारी एक दूसरे को दवा की छिड़काव की जिम्मेदारी बताकर अपनी कमियों को छुपाने में लगे हुए हैं। मजे की बात तो यह है कि इन सब के बीच गरीब जनता की दुर्दशा हो रही है।जहां फॉगिंग व दवाओं का छिड़काव ना होने से संक्रामक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं वही जिम्मेदार और जनप्रतिनिधि भी इन सब से अंजान बने बैठे हैं। आम जनमानस यह सवाल करने पर बाध्य हो रही है कि आखिर दवाओं के छिड़काव और अन्य व्यवस्थाओं के लिए आया हुआ सरकारी पैसा क्या सिर्फ कागजों पर खर्च हो रहा है। क्या केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की योगी सरकार स्वास्थ्य विभाग पर पानी की तरह पैसा इसीलिए बहा रही है की आम जनता संक्रामक बीमारियों की चपेट में अपनी जीवन लीला समाप्त करती रहे और जिम्मेदार गुलछर्रे उड़ाते रहें। सिर्फ फाइलों को मेंटेनेंस कर-कर उच्च अधिकारियों के सामने अपनी सफाई पेश करते रहें। ऐसे में जनता जानना चाहती है कि दवा की छिड़काव की जिम्मेदारी सीएचसी अथवा ब्लॉक के कर्मचारियों की है इसकी जवाब देही संबंधित विभाग के आला अधिकारियों को तय करनी ही होगी।