विश्व एड्स दिवस पर छात्राध्यापिकाओं ने रखे विचार

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विश्व एड्स दिवस पर छात्राध्यापिकाओं ने रखे विचार

सवाई माधोपुर 1 दिसम्बर। आचार्य नानेश शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय कुस्तला सवाई माधोपुर के सभागार में 1 दिसम्बर को विश्व एड्स दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अथिति संस्था के निदेशक मुकेश जैन रहे जबकि अध्यक्षता प्राचार्य डा. निधि जैन ने की।
डाॅ.सुनील कुमार जैन ने एड्स रोग के फैलने (संक्रमण) के बारे में बताते हुए विश्व में सर्वप्रथम एच.आई.वी. वायरस जनित रोगी दक्षिणी अफ्रीका में पाए गए तथा भारत में यह वायरस सर्वप्रथम 19 वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में चन्नई में पाया गया। विश्व में 2.5 करोड़ व्यक्ति इस वायरस जनित संक्रमण से ग्रस्त है। जिनमें भारतीयों की संख्या सवा लाख के लगभग है। और इनमें से 1.5 करोड़ लगभग व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है।
प्राचार्य डा. निधि जैन ने बताया कि एड्स रोग के नियंत्रण हेतु भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा संचालित मान्यता प्राप्त अनुदानित एवं गैर अनुदानित सरकारी एवं निजी उपक्रम की लगभग 35 संस्थाएँ कार्यरत है। व्याख्याता कन्हैया लाल ने बताया कि एड्स रोग के प्रमुख लक्षण बताते हुए कहा कि इस रोग में व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता पूर्णतः नष्ट हो जाती है भोजन का नही पचना, दस्त का लगना, थकान रहना, मूँह में सूजन आदि है। और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निःशुल्क दवाइयाँ उपलब्ध करवाई जा रही है। दुरदर्शन आदि पर प्रकाशित विज्ञापनों द्वारा जागृति कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जा रहा है। तथा अन्य सभी व्याख्यातागणों ने भी एड्स के विषय में विस्तार से बताया और रोकथाम के उपाय भी बताये।
बी. एड द्वितीय वर्ष की छात्राध्यापिका प्रियंका मीना, अंजलि यादव, अनिता मीना, पूजा कुमारी बैरवा, आरती मीना, स्नेहा शर्मा तथा बी.एड. प्रथम वर्ष से खुशी जैन, कशिश साहू, शिमला, पूजा मीना, लक्ष्मी नामा, गुंजन चेतीवाल आदि ने एड्स के बारे में विस्तार पूर्वक अपने-अपने विचार प्रकट किये।
महाविद्यालय निदेशक मुकेश जैन ने बताया कि एड्स जनित रोगी के साथ घृणा और वैमनस्य को त्यागकर मैत्रीपूर्ण एवं सहयोगात्मक व्यवहार करना चाहिए। यह संक्रमण अत्यधिक गम्भीर है अतः बचाव को ही उपचार की संज्ञा दी गई है। कार्यक्रम का संचालन छात्राध्यापिका पुष्पा सैनी द्वारा किया गया।


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