कुशलगढ़|राउमावि कुशलगढ़ के कृषि विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों का पास के गांव पाटी में स्थित कृषि फार्म पर जा कर के कृषि फसलों में होने वाले प्रमुख रोगों, लक्षणों और उससे होने वाले नुकसान के बारे में बच्चों को समझाया गया ।साथ ही इन रोगों से कैसे निपटा जाए उसके बारे में जानकारी दी गई ।फसली पौधों के साथ-साथ बेहतर तरीके से पशुपालन कैसे किया जाए उसके बारे में विद्यार्थियों को प्रत्यक्ष रूप से जानकारी दी गई।इस अवसर पर सुरेश एवं ललित भाई ने बताया कि हमारे यहां सभी प्रकार की सब्जियां,फसले की जाती है इनमें कई प्रकार की बीमारियां होती है जिसका निवारण कीटनाशक,देसी जुगाड़ एवं उपयुक्त निंदाई गुड़ाई करके किया जाता है पशुपालन आधुनिक तरीके से किया जाता है और हमारे पास जो गाय हैं वह दिन में 5 से 7 लीटर एक रोज दूध दे देती है। इस अवसर पर प्राध्यापक
लालसिंह मईडा ने विद्यार्थियों को कृषि फसलों में होने वाले प्रमुख रोगों के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि शकरकंद जड़ों का रूपांतरित भाग होता है इसमें कई तरह के फफूंद, वायरस रोग शकरकंद की फंगस जैसे प्रमुख रोग हो जाते हैं। उन्होंने शकरकंद के खेत में बच्चों को प्रत्यक्ष उदाहरण प्रदर्शित करते हुए समझाया साथ ही टमाटर की फसल में टमाटर झुलजा रोग, गलन रोग सड़न रोग विल्ट रोग के बारे में असली पौधों को इंडिकेट करते हुए बच्चों को समझाया इसी प्रकार अन्य फैसले जैसे बैंगन,बैर सरसों में होने वाले रोगों के बारे में विस्तृत जानकारी बच्चों को प्रत्यक्ष उदाहरण देकर के समझाएं। कीटनाशक छिड़काव हस्त चलित मशीन का डेमो देकर के सबको कैसे कार्य करती है उसके बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर जीव विज्ञान के विषय विशेषज्ञ मोहित सिंघाड़ा ने नींबू का कैंकर रोग, पपीते के रोग गेहूं का रोली रोग, सरसों के रोग के बारे में भी बच्चों को प्रत्यक्ष उदाहरण देकर के समझाएं।पशुपालन एवं उनकी प्रमुख नस्लों के बारे में बच्चों को विस्तृत जानकारी दी गई । यह कुशलगढ़ सीनियर स्कूल का बड़ा दुर्भाग्य है की कृषि विज्ञान के लिए विद्यालय की जमीन होते हुए भी पास के खेतों में जाकर के प्रायोगिक कार्य करने के लिए मजबुर हैं , सब भली भांति जानते हैं की किस तरह नगर पालिका ने स्कूल की जमीन पर नाजायज कब्जा करके कचरा निस्तारण का कार्य किया जा रहा है इस संबंध में विद्यालय परिवार ने सारे जतन करके देख लिए लेकिन हालात आज भी जस के तस बने हुए हैं। आशा है जल्द ही इसका समाधान होगा और कृषि विज्ञान के लिए विद्यालय को जमीन मिलेगी। इस अवसर पर विद्यालय छात्र संसद अध्यक्ष पवन वडखियाअनुशासन मंत्री कपिल कटारा एवं कृषि विज्ञान संकाय के सभी छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।