NPS हटाने, रिक्त पदों को भरे जाने सहित कर्मचारियों की अनेक मांगों का ज्ञापन सौंपा

Support us By Sharing

WCREU ने रेलवे बोर्ड चेयरपर्सन का किया स्वागत

NPS हटाने, रिक्त पदों को भरे जाने सहित कर्मचारियों की अनेक मांगों का ज्ञापन सौंपा

गंगापुर सिटी। 9जनवरी। रेलवे बोर्ड की चेयरपर्सन श्रीमती जया वर्मा सिन्हा का आज 9 जनवरी मंगलवार को पश्चिम मध्य रेलवे मुख्यालय जबलपुर आगमन हुआ। इस दौरान पमरे महाप्रबंधक कार्यालय में वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन (डबलूसीआरईयू) के महामंत्री कामरेड मुकेश गालव के नेतृत्व में यूनियन प्रतिनिधि मंडल जिसमें यूनियन के जबलपुर मंडल अध्यक्ष बीएन शुक्ला, मंडल सचिव रोमेश मिश्रा, मनीष यादव शामिल थे, ने उनसे भेंट की। सर्वप्रथम उनका संस्कारधानी आगमन पर स्वागत किया। तत्पश्चात न्यू पेंशन स्कीम हटाने व ओपीएस लागू करने, पमरे में रिक्त पदों को भरे जाने सहित रेल कर्मचारियों की अनेक लंबित मांगों को पूर्ण करने की मांग की।

वेस्ट सेंट्रल रेलवे अपॉइंटमेंट के कोटा मंडल उपाध्यक्ष एवं मीडिया प्रभारी नरेंद्र जैन ने बताया कि रेलवे बोर्ड चेयरपर्सन श्रीमती जया वर्मा सिन्हा से यूनियन महामंत्री मुकेश गालव ने पमरे में कर्मचारियों की अनेक लंबित समस्याओं के संबंध में विस्तृत चर्चा की। साथ ही इस समय नये रेल कर्मचारी जो 1 जनवरी 2004 से सेवा में आये हैं। उनके लिए लागू न्यू पेंशन स्कीम को अविलंब हटाकर, गारंटेड ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की मांग की। श्री गालव ने कहा कि एनपीएस के तहत सेवानिवृत्त होने के पश्चात कर्मचारियों की पेंशन तय न होने के कारण भविष्य अंधकारमय है एवं सामाजिक सुरक्षा अनिश्चित है। कर्मचारी पिछले कई सालों से ओपीएस के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह राष्ट्रीय समस्या है. श्री गालव ने अनुरोध किया कि सभी रेल कर्मचारियों, अधिकारियों को पुरानी पेंशन प्रदान करने हेतु माननीय प्रधानमंत्री एवं वित्तमंत्री को कर्मचारियों, अधिकारियां की भावनाओं से अवगत कराते हुए ओपीएस प्रदान करने का श्रम करें।

जबलपुर, भोपाल में रनिंग स्टाफ के रिक्त पदों को भरा जाए

यूनियन प्रतिनिधि मंडल ने मांग की कि पमरे के जबलपुर एवं भोपाल मंडल में लोको पायलट, सहायक लोको पायलट, मुख्य लोको निरीक्षक एवं ट्रेन मैनेजर्स के 1500 से अधिक पद रिक्त हैं। जिसका नकारात्मक प्रभाव पमरे द्वारा लिये गये माल लदान टारगेट पर पड़ रहा है। गाडिय़ों की संख्या काफी बढ़ कई है। किंतु इन्हें चलाने के लिए पर्याप्त रनिंग स्टाफ नहीं है। जिससे आये दिन लोड स्टेबल करना पड़़ रहा है।. साथ ही रनिंग स्टाफ का छुट्टी, मुख्यालय रेस्ट एवं साप्ताहिक रेस्ट नहीं मिल रहा है। रनिग स्टाफ ओव र आवर्स ड्यूटी कर रहा है। जिससे उसका स्वास्थ में गिरावट आ रही है और मेडिकल डिकेटेगराइजेशन बढ़ रहा है। श्री गालव ने मांग की कि केवल जबलपुर मंडल में ही लोगो रनिंग के 700 एवं ट्रेन मैनेजरों के 400 से भी अधिक पद रिक्त हैं। रेलवे बोर्ड को पमरे द्वारा भेजे गये एएलपी भर्ती के इंडेंट को 852 से घटाकर 219 कर दिया गया है। सीधी भर्ती से मात्र 219 एएलपी मिलने की संभावना के चलते गाडिय़ां चलाना असंभव हो जायेगा।

हर साल 2 फीसदी पद सरेंडर करने पर लगे रोक, बढ़ी हुई गाडिय़ों के मुताबिक नया पद हो सृजित

चेयरपर्सन रेलवे बोर्ड से यूनियन ने मांग की कि रेलवे के आधुनिकीकरण एवं रेल यातायात, माल ढुलाई के बढ़ती संख्या के कारण रेल कर्मचारियों की वर्तमान संख्या पर्याप्त नहीं है। वहीं इस तथ्य को नजरअंदाज करते हुए रेल प्रशासन द्वारा 2 प्रतिशत पदों को सरेंडर किया जा रहा है। जो सुरक्षित रेल संचालन के लिए उचित नहीं है। यूनियन ने मांग की कि पदों को सरेंडर करने की प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगायें। साथ ही जबलपुर मडल में डबल लाइन, थर्ड लाइन का काम पूरा हो गया है, अनेकों नई रेल गाडिय़ां प्रतिवष शुरू की जा रही हैं। इसलिए रेलवे के बढ़े हुए कार्य, एसेट्स के अनुपात में नये कर्मचारियों के पदों के सृजन करने पर लगी रोक हटाई जाये।

सुपरवाइजर्स को अपग्रेडेशन का लाभ प्रदान करें

मांग की कि आपके निर्देश पर रेलवे बोर्ड द्वारा 4600 जीपी/लेवल-07 को 488 एवं 5400 जीपी में 25-25 प्रतिशत के अनुपात में दिनांक 1-1-2022 से अपग्रेड करने के आदेश जारी किये गये हैं। परंतु मुख्य लोको निरीक्षक, सेक्शन इंजीनियर (आईटी कैडर), सीएलए, सीएचआई, सीपीआरआई, सीपीआई, फार्मासिस्ट, रेडियोग्राफर्स, राजभाषा अनुवादकों सहित कई विभागों के सुपरवाइजर्स को यह लाभ अभी तक प्रदान नहीं किया गया है। इन्हें भी लाभ प्रदान किया जाए।

जबलपुर-सतना में रेलवे स्टाफ के बच्चों के लिए सेंट्रल स्कूल खुले

यूनियन महामंत्री मुकेश गालव ने मांग की कि जबलपुर शहर में पमरे मुख्यालय, मंडल मुख्यालय एवं अनेकों रेल संस्थान हैं। जबलपुर व सतना में हजारों की संख्या में रेल कर्मचारी कार्यरत हैं। परंतु रेलवे स्टाफ अपने बच्चों की शिक्षा के लिए अलग से केंद्रीय विद्यालय नहीं होने के कारण महंगे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने मजबूर है। ऊंची स्कूल फीस के कारण वे परेशान हैं। अत: जबलपुर व सतना में रेल कर्मचारियों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए एक-एक केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए एचआरडी मंत्रालय को प्रस्ताव भेजें। ताकि यहां पर रेल कर्मचारी अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा सेंट्रल स्कूल में करा सकें।

यह मांगें भी रखीं

– यूनियन ने रेल कर्मचारियों के विभिन्न भत्तों के लिए पर्याप्त फंड नहीं होने का मामला उठाते हुए ओवर टाइम, चिल्ड्रेन एजुकेशन एलाउंस, ट्रेवलिंग एलाउंस, नाइट ड्यूटी एलाउंस के भुगतान हेतु बोर्ड द्वारा कम फंड स्वीकृत किये जाने का विषय उठाते हुए इन मदों में फंड नहीं होने के कारण इनके भुगतान पर पमरे में रोक लगी है। इसलिए इन भत्तों के लिए पर्याप्त फंड आवंटित किये जाने की मांग की।

– सेफ्टी कोटी के सभी कर्मचारियों को हार्ड एवं रिस्क एलाउंस प्रदान करें।
– पमरे के तीनों मंडलों में जर्जर रेल आवासों की स्थिति में सुधार करने एवं नये आवासों के निर्माण हेतु पर्याप्त फंड आवंटित किया जाए।
– रेलवे अस्पतालों में पर्याप्त चिकित्सकों, नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध कराया जाए।
– ट्रेक मेंटेनेस संवर्ग को पदोन्नति के अवसर बढ़ाएं जाएं. जिसके तहत सीधी भर्ती कोटे के 50 प्रतिशत पदों को एलडीसीई ओपन टू आल के तहत भरे जाने, जीडीसीई में पदों की संख्या बढ़ाने, सीनियर ट्रेकमैन को 4200 जीपी/लेवल-06 तक पदोन्नति दिया जाये।
– डकनिया तलाव स्टेशन पर हाली डे होम का निर्माण हो।
– पमरे के तीनों मंडलों में कर्मचारियों की एपीएआर की ग्रेडिंग सुधारने हेतु एचआरएमएस में आप्शन खुलवाने तथा मैनुअली अपील सुधारने हेतु ग्रुप सी तक के कर्मचारियों हेतु इस प्रावधान की शक्तियां महाप्रबंधक को प्रदान करें।
– रनिंग स्टाफ को 36 घंटे मेें मुख्यालय वापस लाने एवं 9 घंटे ड्यूटी नियम की अनुपालना किया जाए।
– कोटा में इलेक्ट्रिक लोको शेड की स्थापना की जाए, क्योंकि दिल्ली से लेकर रतलाम तक कोई इलेक्ट्रिक शेड नहीं है. साथ ही सवाई माधोपुर जयपुर खंड भी विद्युतीकृत होने से कोटा में इलेक्ट्रिक लोको शेड स्थापना अति आवश्यक है।
– कोटा वर्कशाप में वर्तमान में मालगाड़ी वैगन का पीओएच, आरओएच आदि किया जाता है तथा अभी फाउंड्री एवं लुहार खाते को बंद कर दिया गया है। अत: उसके स्थान पर एलएचबी कोच का पीओएच एवं आरओएच प्रारंभ किया जाए, ताकि वर्कशाप की उत्पादकता बढ़ाई जाये।
– कोटा से अब बीना, रतलाम और झालावाड़ के लिए मेमू ट्रेन शुरु हो चुकी है एवं बहुत शीघ्र अन्य डायरेक्शन में भी मेमू सेवा शुरु होने वाली है। जिसमें काफी संख्या में मेमू रैक के अनुरक्षण की आवश्यकता होगी, अत: शीघ्र-अतिशीघ्र कोटा में मेमू कार शेड की स्थापना की जाये।


Support us By Sharing