गन्ने टोल प्लाजा फिर से सुर्खियों में टोल कर्मियों और शिक्षकों से हुई विवादी झड़प

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गन्ने टोल प्लाजा फिर से सुर्खियों में टोल कर्मियों और शिक्षकों से हुई विवादी झड़प

गन्ने टोल प्लाजा के सामने शासन प्रशासन ने साधी चुप्पी

प्रयागराज। जनपद के यमुनानगर बारा क्षेत्र अंतर्गत गन्ने स्थित हर्रो टोल प्लाजा में विवाद थमने का नाम नही ले रहा है।आज दोपहर से ही रोज आने जाने वालों शिक्षको से जब टोल संचालक के नए नियम के तहत 2500 रुपये महीने का मांगा गया तो शिक्षको से बहस की स्थिति बन गयी। शिक्षक इस बात पर अड़े रहे कि पहले टोल संचालक280 रुपये महीने का पास बनाते थे एक महीने के लिए तो 2500 क्यों मांग रहे है शिक्षको ने यह भी आरोप लगा लगाया है कि जो वैन टीचर्स को लेकर आती है उनमें महिला शिक्षक भी होती है जिनसे टोल कर्मी पर कोई फर्क नही पड़ता। हमेशा लड़ाई झगड़े और विवाद पर आमादा रहते है, शिक्षको ने बताया कि वो कई साल से इस टोल से गुजर रहे है पर कभी भी आने जाने वाले शिक्षको के साथ टोल कर्मियों का इतना बुरा बर्ताव कभी नही रहा इसी विवाद की वजह से घंटो जाम की स्थिति बनी रही।आने जाने वाले राहगीर परेशान दिखे छेत्रीय लोगो का कहना है कि ये रोज का हाल है जब से टोल संचालक बृजेश पांडेय टोल चलाने आये तब से आम आदमी के साथ गाली गलौज जबरन वसूली मारपीट की घटनाएं आम हो गयी है।लोगो का कहना है कि स्थानीय पुलिस प्रशासन अगर मौके पर पहुँच मामले को हल न कराए तो निश्चित ही कोई बड़ी घटना घट सकती है। मौजूद लोगों के मुताबिक बृजेश पांडेय का कहना है कि उनका बहुत बड़ा पावर है कोई शिकायत उनका कुछ नही बिगाड़ सकती ऐसे में लोग सकते में है कि आखिर योगी राज में जब शासन प्रशासन इतना दुरुस्त है तो बृजेश पांडेय जैसे लोग जो हर रोज किसी न किसी विवाद को जन्म दे रहे हैं तो प्रशासन उस पर कार्यवाही से क्यों बचता नजर आ रहा है यह बात समझ से परे है कि दाल में कुछ काला है या पूरी दाल ही काली है। सबसे बड़ा और अहम सवाल लोगों के जहन में कौंध रहा है कि आखिर शासन प्रशासन ने चुप्पी क्यों साध रखी है।


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