सवाई माधोपुर 18 मई। राज्य भर में बढ़ती गर्मी के साथ जिले भर में पिछले एक सप्ताह से लगातार बढ़ती जा रही भीषण गर्मी ने सड़कों पर अघोषित कफ्र्यू लगा दिया है।
पूरे राज्य में गर्मी के तेवर लगातार तीखे होते जा रहे हैं। सुबह सूरज निकलने के साथ ही आग बरसने जैसा अहसास होने लगता है। भीषण गर्मी ने सड़कों पर कर्फ्यू लगाने के साथ लोगों को घरों में कैद कर दिया है। भीषण गर्मी में एसी कूलर पंखे फेल हो गये हैं। दोपहर में लू के थपेड़ों के साथ आसमान से आग के अंगारे बरस रहे हैं। एक दो दिन से दिन का अधिकतम तापमान करीब 46 डिग्री के आस पास बना हुआ है। ऐसे में घर से बाहर निकलना दुश्वार हो रहा है। तापमान बढ़ने से नागरिक ही नहीं पशु पक्षी भी अपने-अपने स्थान पर दुबके के नजर आए। सुबह सूर्य देवनारायण भगवान उदय होने के बाद ही गर्मी पड़ने के साथ प्रातः 11 से सांय 5 बजे तक सड़कों पर निकलना मुश्किल हो रहा है। लू के कारण लोग झुलस रहे हैं।
शिवाड़ क्षेत्र में शिवाड़ जयपुर, शिवाड़ सवाई माधोपुर सड़क मार्ग पर दिनभर सन्नाटा छाया रहा। भीषण गर्मी के चलते बाजार में दुकानदार अपनी-अपनी दुकानों में कूलर पंखे की हवा में सुस्ताते नजर आए। शनिवार को इस सीजन का सबसे गर्म दिन रहा। चिलचिलाती धूप के साथ झूलसाने वाली लू ने हाल बेहाल कर दिया। देर शाम को क्षेत्र में बादल छाने के साथ तेज हवा चलने से भीषण गर्मी से राहत मिली।
यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि दिन के बाद रात को भी गर्मी से चैन नहीं मिल रहा है। दिन भर पशु पक्षी पेड़ों की छांव में बैठे रहते हैं। लेकिन लोग लू के थपेड़ों से बचने के लिए छाया ढूढते हुऐ बेबस दिखाई देते हैं। जिला मुख्यालय पर बाजारों में बड़े बड़े पेड़ों की बली दे दी गई है। साथ ही मुख्य सड़कों पर भी दुकानदारों व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठानों के सामने से पेड़ों को कटवा दिया है। ऐसे में लोगों कहीं छाया नसीब नहीं हो पाती है। दोपहिया वाहन चालकों का सड़कों पर चलना दुश्वार है। वहीं चार पहिया वाहनों में भी एसी फेल हो रहे हैं। जब कभी कहीं वाहन खड़ा कर दें तो थोड़ी देर बाद मोटरसाईकिलों या कार में बैठना भी दुश्वार हो जाता है।
एक और जहाँ मौसम विभाग ने कुछ दिन ओर हीट वेव चलने की चेतावनी दी है। तो वहीं चिकित्सा विभाग ने लोगों को हीट वेव से बचने के लिए सलाह दी है। बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं वरिष्ठ नागरिकों को तेज गर्मी से बचना चाहिए।
वहीं सभी को संकल्प लेकर पेड़ लगाने चाहिए क्योंकि पेड़ पौधे ही इन आपदाओं से हमें बचा सकते हैं