शाहपुरा में शरीर, मन और चेतना की जागृति के लिए सन टू ह्यूमन शिविर का आयोजन

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शाहपुरा में सन टू ह्यूमन परिवार के तत्वावधान में आयोजित सामूहिक साधना शिविर में शरीर, मन और चेतना की जागृति के लिए नए दृष्टिकोण वाले प्रयोग और सूत्र सिखाए गए। यह शिविर मारू कॉम्प्लेक्स में सुबह 5.30 बजे से 8.30 बजे तक आयोजित किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने शारीरिक और मानसिक ऊर्जा के संचार के लिए विभिन्न प्रयोग किए। शिविर में जीवन को सुंदर, आनंदमय, व्याधिमुक्त, साहसिक, संकल्पित और ऊर्जावान बनाने के लिए अनेक व्यावहारिक सूत्र सिखाए गए।
शिविर का संचालन एस.एन. मंत्री, शंकर सोनी, रेखा सोनी और रश्मि मित्तल ने किया, जिन्होंने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा के संचार के लिए सही आहार, सही व्यायाम और सही नींद के महत्व पर बल दिया। प्रशिक्षकों ने बताया कि जब हम सही तरीके से अपने शरीर का ध्यान रखते हैं, तो हम अपने भीतर सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण कर सकते हैं, जो हमारे जीवन को अधिक आनंदमय और संकल्पित बनाता है।
शिविर में कई विशेष प्रयोग कराए गए जिनका उद्देश्य शरीर और मन को सक्रिय करना था। इनमें प्रमुख रूप से रसेन्द्री एक्टिवेशन, थर्ड आई एक्टिवेशन, बैलेंसिंग, मैग्नेटिक आरा, तंत्रिका तंत्र जागरण, नाभि जटका और सूर्य प्रार्थना जैसे प्रयोग शामिल थे। इन प्रयोगों के माध्यम से प्रतिभागियों को उनके भीतर की ऊर्जा का अनुभव कराया गया। इन सभी प्रयोगों का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक आधार भी बताया गया, जिससे प्रतिभागियों को यह समझने में मदद मिली कि इन गतिविधियों से शरीर और मन पर किस प्रकार सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
शिविर में सबसे प्रभावशाली प्रयोगों में से एक था भांव प्रयोग, जिसमें प्रतिभागियों ने गहन भावनात्मक और आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त किया। इस प्रयोग से सभी प्रतिभागी प्रेम और एकता की अनुभूति से विभोर हो गए, और उनमें ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ यानी श्संपूर्ण जगत एक परिवार हैश् की भावना जाग्रत हुई। इस प्रयोग के दौरान प्रतिभागियों ने आपसी संबंधों और सामाजिक एकता के महत्व को महसूस किया, और उनके भीतर की ऊर्जा और प्रेम की भावना को बल मिला।
शिविर में प्रशिक्षण देने वाले एस.एन. मंत्री, शंकर सोनी, रेखा सोनी और रश्मि मित्तल के अलावा, महावीर शर्मा, रश्मि मित्तल, विनोद जैन, कैलाश जागेटिया, और विवेक मित्तल ने भी अपने जीवन में हुए शारीरिक और मानसिक रूपांतरण की कहानियां साझा कीं। उन्होंने बताया कि कैसे इन साधना और योगिक प्रयोगों ने उनके जीवन को पूरी तरह बदल दिया और उन्हें अधिक स्वस्थ, ऊर्जावान और आत्मसंतुष्ट बनाया।

प्रतिभागियों ने इन कहानियों से प्रेरित होकर शिविर में सिखाई गई तकनीकों को अपने दैनिक जीवन में शामिल करने का संकल्प लिया। प्रशिक्षकों ने भी यह स्पष्ट किया कि नियमित अभ्यास से ही इन तकनीकों के अधिकतम लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं।
शिविर को सफल बनाने में समाज के कई प्रमुख व्यक्तियों का सहयोग रहा। इनमें दीनदयाल मारू, शंकर अग्रवाल, कमल मनियार, सुनील बेली, गणेश लड्ढा, प्रेम शारदा, अंकित चेचानी, अमित तोषनीवाल, सावर सोनी, पवन सोनी, नरेंद्र सोनी, राधेश्याम झंवर और अनिल बोहरा का नाम प्रमुख है। इन सभी ने आयोजन को सफल और प्रेरणादायक बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
शिविर के अंत में एक अद्वितीय पहल के रूप में अदृश्य अल्पाहार की व्यवस्था की गई, जिसमें प्रतिभागियों को 20 प्रकार के पोषक तत्वों से भरपूर नाश्ते का आनंद लेने का अवसर मिला। इस नाश्ते में प्राकृतिक और स्वास्थ्यवर्धक पदार्थों का समावेश था, जिसने प्रतिभागियों को नई ऊर्जा से भर दिया। नाश्ता न केवल शारीरिक ऊर्जा प्रदान करने वाला था, बल्कि प्रतिभागियों ने इसे एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव के रूप में भी महसूस किया।
सन टू ह्यूमन परिवार द्वारा आयोजित यह साधना शिविर न केवल एक साधारण योगिक कार्यक्रम था, बल्कि यह जीवन को गहराई से समझने और उसे ऊर्जावान तथा आनंदमय बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। शिविर ने यह संदेश दिया कि सही आहार, सही व्यायाम और सही साधना से हम अपने जीवन को संपूर्ण रूप से बदल सकते हैं।
प्रतिभागियों ने यह महसूस किया कि केवल शारीरिक स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक जागरूकता भी जीवन में संतुलन और शांति लाने के लिए आवश्यक है। शिविर के प्रशिक्षकों ने प्रतिभागियों को यह सुझाव दिया कि वे नियमित रूप से इन साधना तकनीकों का अभ्यास करें, ताकि वे अपने जीवन में दीर्घकालिक सकारात्मक परिवर्तन देख सकें।
शाहपुरा में आयोजित यह शिविर समाज को जागरूक और सशक्त बनाने की दिशा में एक सफल प्रयास रहा, जिसने लोगों को उनके जीवन की दिशा बदलने और उसे बेहतर बनाने के लिए प्रेरित किया। भविष्य में भी इस प्रकार के शिविरों का आयोजन समाज के अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित करने के लिए किया जाएगा।


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