ट्रेक्टर ट्राली से युवक की मौत का मामला पुलिस अधीक्षक टोंक विकास सांगवान ने दो पुलिस कर्मियों को किया तत्काल सस्पेंड,


 करीब 24 घंटे बाद माने ग्रामीण व परिजन दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई का दिलाया भरोसा

टोंक| टोंक जिले में एक युवक की मौत के बाद बुधवार को बवाल मच गया। इस घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने रोड पर शव रखकर प्रदर्शन किया। बालागढ़ निवासी विमल पुत्र मोहनलाल मीणा की ट्रैक्टर से कुचलने के बाद हुई मौत से आक्रोशित ग्रामीण एवं परिजन करीब 24 घंटे बाद शव उठाने को राजी हुए। प्रशासन के सकारात्मक आश्वासन एवं परिजनों की संतुष्टि के बाद ग्रामीण पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए। लिहाजा युवक के शव को नगरफोर्ट चिकित्सालय में पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया। जहां शव का पोस्टमार्टम किया गया। उल्लेखनीय है कि मंगलवार शाम करीब 5 बजे बालागढ़ निवासी विमल मीणा की ट्रैक्टर से कुचलने से मौत हो गई थी। यह ट्रैक्टर विमल मीना खुद चला रहा था। ग्रामीण एवं परिजनों का आरोप था कि पुलिस ने विमल मीणा को रुकवाकर उसके मलबे से भरी ट्रैक्टर ट्राली को थाने ले जाने लगी। इस दौरान पुलिस ने विमल मीणा को जीप में भी बिठा लिया और एक पुलिसकर्मी को ट्रैक्टर ट्राली चलाकर थाने ले जाने को कहा। ग्रामीणों का आरोप है कि दरमियान विमल उक्त कार्रवाई का विरोध कर रहा था। लेकिन कथित तौर पर पुलिसकर्मियों ने विमल पर ही ट्रैक्टर चढ़ा दिया। जिससे उसकी कुचलने से दर्दनाक मौत हो गई।
उक्त घटनाक्रम के बाद ग्रामीण परिजन आक्रोशित हो गए। जिन्होंने मंगलवार शाम साढ़े 5 बजे बाद शव गुराई बालागढ़ मार्ग पर रखकर जाम लगा दिया। सूचना के बाद उनियारा सर्कल से पुलिस जाप्ता, देवली उपखंड अधिकारी मनोज कुमार मीणा, उपअधीक्षक रामसिंह जाट समेत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक व आसपास के थाने के पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। यहां मंगलवार रात ग्रामीणों ने जमकर नाराजगी जताई और शव को लेकर रातभर सड़क पर बैठ रहे। इधर, बुधवार सुबह भी पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों ने समझाईश की कोशिश की। लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। वही पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान अपने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ घाड़ थाने में बैठकर मामले को शांत कराने का प्रयास करते रहे। लंबी वार्ता के चलते जिला कलक्टर सौम्या झा भी घाड़ थाने पहुंची। बाद में बुधवार करीब शाम 4:30 बजे सकारात्मक आश्वासन की बात पर परिजन एवं ग्रामीण शव उठाने को राजी हुए। पुलिस अधीक्षक टोंक विकास सांगवान के अनुसार परिजनों को यथासंभव आर्थिक मदद देने, दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज करने एवं एक हेड कांस्टेबल और एक कांस्टेबल को निलंबित करने के आश्वासन के बाद ग्रामीण एवं परिजन शव उठाने को राजी हुए। इसके बाद युवक विमल के शव को नगरफोर्ट पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया। इस दौरान पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों ने घंटों मशक्कत की। वही घाड़ व आसपास का इलाका पुलिस छावनी में तब्दील रहा। उधर,पुलिसकर्मी शंकर और चेतन खटीक के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया। रिपोर्ट में बताया कि दोनों पुलिसकर्मियों ने विमल पर ट्रैक्टर चढ़ा दिया था। जिससे उसकी मौत हो गई। रिपोर्ट में बताया कि पुलिस ने विमल को ध्वनि प्रदूषण के मामले में रोका था। उधर,शाम करीब 5:30 बजे मोर्चरी के बाहर मृतक युवक विमल मीणा के पिता को आर्थिक सहायता के चेक सौपे गए। इस दौरान अंबेडकर विचार मंच देवली ने भी पुलिस प्रशासन एवं ग्रामीण, परिजनों के बीच मध्यस्थता में सहयोग किया।

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प्रशासन की पहल पर हुआ समझौता

बवाल के बाद पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा भी लोगों के समर्थन में पहुंच गए थे। हालांकि, शाम तक इस मुद्दे का समझौता हो गया। टोंक एसपी विकास सांगवान ने बताया कि इस मामले में 2 आरोपी बनाए गए हैं। मृतक ड्राइवर के परिवार को 30 लाख रुपए की सहायता राशि का चेक दिया गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मॉर्च्युरी में रखवाया है और जल्द ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।


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