अपने मित्र का विपरीत परिस्थितियों में साथ निभाना ही मित्रता का सच्चा धर्म है – पाराशर

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डीग 31 जुलाई – शहर के ऐतिहासिक लक्ष्मण मंदिर पर आयोजित हो रही श्री मद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ एवं संत समागम महोत्सव के सातवें दिन व्यास पीठ पर विराजमान भागवताचार्य पूज्य पंडित मुरारी लाल पाराशर ने भगवान कृष्ण एवं सुदामा चरित्र कथा का वर्णन करते हुए कहा कि मित्रता करो, तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी करो। सच्चा मित्र वही है, जो अपने मित्र की परेशानी को समझे और बिना बताए ही मदद कर दे। परंतु आजकल स्वार्थ की मित्रता रह गई है। जब तक स्वार्थ सिद्ध नहीं होता है, तब तक मित्रता रहती है। जब स्वार्थ पूरा हो जाता है, मित्रता खत्म हो जाती है।

उन्होंने कहा कि सुदामा अपनी पत्नी के कहने पर मित्र कृष्ण से मिलने द्वारकापुरी जाते हैं। जब वह महल के गेट पर पहुंच जाते हैं, तब प्रहरियों से कृष्ण को अपना मित्र बताते है और अंदर जाने की बात कहते हैं। सुदामा की यह बात सुनकर प्रहरी उपहास उड़ाते है और कहते है कि भगवान श्रीकृष्ण का मित्र एक दरिद्र व्यक्ति कैसे हो सकता है। प्रहरियों की बात सुनकर सुदामा अपने मित्र से बिना मिले ही लौटने लगते हैं। तभी एक प्रहरी महल के अंदर जाकर भगवान श्रीकृष्ण को बताता है कि महल के द्वार पर एक सुदामा नाम का दरिद्र व्यक्ति खड़ा है और अपने आप को आपका मित्र बता रहा है। द्वारपाल की बात सुनकर भगवान कृष्ण नंगे पांव ही दौड़े चले आते हैं और अपने मित्र को रोककर सुदामा को रोककर गले लगा लिया।
पाराशर ने व्यास पूजा की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि एक व्यक्ति अपने गुरु के मार्गदर्शन में ही मोक्ष प्राप्त कर सकता है। केवल एक शिक्षक या गुरु ही सत्य और मोक्ष का मार्ग दिखा सकता है और उनके बिना कुछ भी नहीं किया जा सकता है।
पाराशर ने कहा कि संतों के बारे में बताते हुए कहा कि संत कृपा से ही भगवान के साक्षात दर्शनों का सौभाग्य प्राप्त हो सकता है। जिस को संतों का आशीर्वाद प्राप्त हुआ है उन्हें भगवान की प्राप्ति हुई है।गुरु अपने शिष्य को अंधेरे से उजाले की तरफ ले जायें वहीं सच्चा गुरु है।
पाराशर ने संतो के बारे में बताते हुए कहा कि जो सरलता का अन्त है वह संत हैं,साधु वो जो भगवान के पीछे पीछे जाये।और संत वह है जिसके पीछे पीछे भगवान जाये।
इस मौके पर जगद्गुरु श्याम नारायण जी आचार्य हरिद्वार,जटेरी धाम के मंहत बिपिन बिहारी दास जी मुखिया, ओमप्रकाश सहरावत दिल्ली,गीता तमोलिया,भाजपा नेता पवन खण्डेलवाल दिल्ली,रेखा झालानी,सतीश बंसल भट्टा वाले झिरका फिरोजपुर,पुष्पा झालानी,रवि पान्हौरी,बबली खण्डेलवाल,प्रमोद जुरहरा वाले,सन्तोष खण्डेलवाल ,पूर्व न्यायाधीश भगवान सहाय खण्डेलवाल,बीना शर्मा,राधे श्याम गर्ग‌‌‌ जयपुर,मोहन झालानी जयपुर,
रघुवीर सौनी,पंकज भूषण गोयल,रमेश अरोड़ा,वीके खण्डेलवाल,बच्चू सिंह राजपूत,महेश चंद्र अग्रवाल,फूल लोहिया,सुनील डंगिया सहित बड़ी संख्या में महिला पुरुष भक्त उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन – भागवत कथा एवं संत समागम महोत्सव के दौरान प्रवचन करते भागवताचार्य पूज्य पंडित मुरारी लाल पाराशर


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