संगठन का नेतृत्व करने वाला श्रेष्ठ: सुरेश भाई


भाविप की 27 शाखाओं के अध्यक्ष, सचिव, वित्त सचिव एवं प्रकल्प प्रभारियों की हुई कार्यशाला

भीलवाड़ा। भारत विकास परिषद राजस्थान मध्य प्रांत में भीलवाड़ा, राजसमंद एवं शाहपुरा जिले की 27 शाखाओं के अध्यक्ष, सचिव, वित्त सचिव एवं प्रकल्प प्रभारियों की कार्यशाला माधव गौशाला में हुई। स्वामी विवेकानंद एवं सांवलिया सेठ की तस्वीर की पूजा अर्चना की गई। प्रारंभ वंदे मातरम से हुआ। विनती तापड़िया, अनु हिम्मतरामका, महिला प्रमुख शारदा चेचाणी, प्रमिला सोडाणी ने वंदे मातरम गाया। स्वागत उद्बोधन प्रांतीय संरक्षक रामेश्वर काबरा ने दिया। उद्घाटन सत्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख व माधव गौशाला के प्रणेता सुरेश भाई ने कहा कि संगठन का नेतृत्व करने वाला व्यक्ति श्रेष्ठ होता है वह ढंग से और निष्काम भाव से कार्य करता है। इसी से निश्चित रूप से संगठन आगे बढ़ता है। सकारात्मक भाव से भारत माँ की सेवा एवं सत्कर्मों में लग रहे। उन्होंने इजराइल का उदाहरण दिया कि नेतृत्व इजराइल का सही है तो वह पूरे विश्व में छाया हुआ है। ऐसे ही हम भारत विकास परिषद में नेतृत्व करने वाले व्यक्ति सही होने चाहिए एवं भारत विकास परिषद इतने श्रेष्ठ कार्यों में लगी हुई है। इसके लिए साधुवाद। कार्यशाला का क्या महत्व है उसके ऊपर प्रांतीय उपाध्यक्ष पवन बांगड़ ने कहा की आत्म संतुष्टि के लिए हम कार्य करते हैं। इतना प्रभावी कार्यक्रम हो की सभी कार्यकर्ता उसमें सम्मिलित हो। यह हमें सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। प्रांतीय संगठन सचिव दिनेश मित्तल ने भी विचार रखें। परिषद में प्रोटोकॉल क्या होता है कौन किस तरह संस्था को चलाने के लिए अध्यक्ष सचिव का क्या रोल है यह जिला समन्वयक अमित सोनी ने बताया। परिषद के हर कार्यक्रम की अध्यक्षता चाहे वह शाखा का अध्यक्ष हो या प्रांत का। कार्यक्रम के स्तर के अनुसार ही होगा। विशिष्ट अतिथि मुख्य अतिथि हो सकते है। मंच सज्जा पर भी चर्चा की गई। भारत विकास परिषद का क्या उद्देश्य है क्या लक्ष्य है क्या अवधारना है इस पर भारत को जानो के राष्ट्रीय सदस्य मुकेश लाठी ने प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि हमारे वर्तमान में राष्ट्रीय अध्यक्ष आदर्श गोयल न्यायाधीश है जो सुप्रीम कोर्ट से सेवानिर्वत हुए हैं। विभिन्न प्रकल्पों को लेकर तीन समूह में खुला सत्र हुआ। खुले सत्र में सभी ने संगठन के बारे में बताया। महिला सशक्तिकरण पर भी चर्चा हुई। सेवा और संस्कार के विभिन्न प्रकल्पों पर विशेष प्रकाश डाला गया। संयुक्त महासचिव रजनीकांत आचार्य ने सभी की सामूहिक चर्चा का विश्लेषण किया। जयंती महोत्सव एवं नवसंवत्सर प्रभारी महावीर सोनी व संस्कृत सप्ताह प्रभारी अमृता उपाध्याय, पर्यावरण पर दिलीप पारीक ने विचार रखे। पहली बार यह नवाचार किया गया कि भारत विकास परिषद के जितने भी मंचासीन थे उनका माल्यार्पण स्वागत अभिनंदन ऐसा कुछ भी नहीं किया गया। संपर्क बनाने पर ज्यादा जोर दिया गया। प्रांतीय अध्यक्ष गोविंद प्रसाद सोडाणी ने बताया कि हम अपने रीजन में 400 शाखाएं एवं सदस्य बनाएंगे। प्रांत में 60 शाखाएं वह 4000 सदस्य संख्या है। हम कहीं ना कहीं छोटी-छोटी बस्तियों में जाकर के संस्कारों का महत्व समझाएं। अभिरुचि शिविर में हम अपने श्लोक एवं कोटेशन के बारे में बताएं। कार्यशाला में सबसे बड़ा यह रहा की अनुशासनबध तरीके से सभी ने पूरे समय रह करके कार्यशाला को सफल बनाया। कार्यक्रम का संचालक जिला सह समन्वयक अरुण बाहेती ने किया। कार्यशाला में राजसमंद जिला सह समन्वयक नवीन असावा, शाहपुरा जिला समन्वयक यशपाल पाटनी ने विशेष योगदान दिया और दिव्यांग शिविर के बारे में चर्चा की।


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