निर्माण होते ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा सुरवल साहनी का अमृत सरोवर तालाब


ग्राम प्रधान व सचिव के जुगलबंदी से लिखी जा रही भ्रष्टाचार की पटकथा

भ्रष्टाचार की गंगोत्री में डुबकी लगा रहे ग्राम प्रधान व सचिव

ग्रामीणों ने लगाया आरोप कहा घटिया सामग्री से हो रहा निर्माण कार्य बनते ही हो रहा ध्वस्त

प्रयागराज। जनपद के यमुनानगर विकासखंड शंकरगढ़ क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत सुरवल साहनी में जहां विकास के नाम पर सरकारी धन को किस तरह से लूटा जा रहा है। तस्वीरों में साफ-साफ देखा जा सकता है कि विकास कार्यों में जो अनियमितताएं सामने आई हैं उसमें जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। अमृत सरोवर तालाब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है जो रो-रो कर टूट कर आंसू बहा रहा है कि इतने कम समय में मुझे मिट्टी में मिलाकर जनता के विश्वास को तोड़ा है। जिसमें मानक के अनुरूप कार्य न करा कर घटिया सामग्री लगाने से तालाब की दीवारें व इंटरलॉकिंग कभी भी धराशाई हो सकती है। ग्रामीणों का आरोप है कि इसमें ग्राम प्रधान व सचिव ने जमकर धांधली की है व सरकारी धन का बंदर बांट किया है।जिससे मानक के अनुसार कार्य नहीं कराया गया है जब कि घटिया सामग्री का उपयोग करने से अमृत सरोवर तालाब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है।इस से साफ तौर पर कहा जा सकता है कि और भी बहुत से गांव में विकास के कार्य कराए गए हैं जिसमें जमकर भ्रष्टाचार किया गया होगा जो जांच का विषय है। फिलहाल जो भ्रष्टाचार की तस्वीरें हैं खुद इसका सबूत है कि प्रधान व सचिव ने सुरवल साहनी गांव में अमृत सरोवर तालाब निर्माण कार्य में सरकारी धन को किस तरह से लूटा है तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है। बताया गया कि ग्राम पंचायत पूरी तरह से भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबा हुआ है। केंद्र एवं प्रदेश सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट अमृत सरोवर के नाम पर जम कर सरकारी धन की लूट खसोट की गई है जिसकी तस्वीरें साफ बयां कर रही है कि निर्माण कार्य होते ही टूटना शुरू हो गया है। जब कि अमृत सरोवर का निर्माण कार्य अभी भी चल रहा है। और घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। यह एक बहुत बड़ा घोटाला है जिसमें ग्रामीणों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और उनके अधिकारों का हनन हो रहा है। आगे ग्रामीणों ने कहा कि ग्राम प्रधान व सचिव आपसी जुगलबंदी कर भ्रष्टाचार की पटकथा लिख रहे हैं। ग्राम पंचायत में विकास के नाम पर तमाम तरह के काम करवाए गए हैं जिसमें जमकर सरकारी धन को आपसी बंदर बांट किया गया है। कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि ग्राम प्रधान व सचिव भ्रष्टाचार की गंगोत्री में डुबकी लगा रहे हैं।अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन मामले में क्या कार्यवाही करता है फिलहाल ग्रामीणों ने जांच कर कार्यवाही की मांग की है।


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