शाहपुरा|कुछ समय पूर्व भारत सरकार द्वारा “वक़्फ़ संशोधन बिल 2024” पार्लियामेन्ट में प्रस्तुत किया गया जो कि वर्तमान में ज्वाइन्ट पार्लियामेन्ट्री कमेटी (जेपीसी) में विचाराधीन है। इस बिल का पूरे देश में विरोध हो रहा है। यह बिल औक़ाफ़ की स्वायत्ता को समाप्त करने और वक़्फ़ जायदादो के संचालन व प्रबन्धन की आज़ादी को समाप्त करने तथा मुसलमानों को वक़्फ़ जायदादों से बेदख़ल करने की सज़िश है तथा संविधान की धारा 25 व 26 में दी गई धार्मिक स्वतन्त्रता की गारन्टी के ख़िलाफ़ है। “ज्वाइंट कमेटी तहफ़्फ़ुज़े औक़ाफ़, राजस्थान” की ओर से इस बिल के विरोध और वक़्फ़ से सम्बंधित जन जागृति लाने के उद्देश्य से 10 नवम्बर 2024, रविवार शाम 5ः30 बजे “तहफ़्फ़ुज़े औक़ाफ कॉन्फ्रेन्स” का आयोजन मोती डूंगरी रोड पर किया जाएगा।
इस कॉन्फ्रेन्स में विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी, उलैमा व राजनेता सम्बोधित करेंगे जिनमें
सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी (उपाध्यक्ष, ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड व राष्ट्रीय अध्यक्ष, जमाअते इस्लामी हिन्द),
मौलाना फ़ज़लुर्रहीम मुजद्दिदी ( जनरल सक्रेट्री, ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड), मौलाना मुहिबुल्लाह नदवी (मेम्बर ऑॅफ़ पर्लियामेन्ट, रामपुर, यूपी व जेपीसी मेम्बर), मौलाना तौक़ीर रज़ा (अध्यक्ष, इत्तेहादे ए मिल्लत कॉउन्सिल), डॉक्टर ज़फ़र महमूद (चेयरमेन, ज़कात फ़ाउन्डेशन ऑफ़ इण्डिया), क़ारी मुहम्मद अमीन (प्रदेशाध्यक्ष, जमीअत उलमा ए हिन्द, राजस्थान), सैयद सरवर चिश्ती (गद्दीनशीन, दरगाह शरीफ़, अजमेर),
मौलाना मुहम्मद राशिद (प्रदेशाध्यक्ष, जमीअत उलमा ए हिन्द, राजस्थान), मलिक मुअतसिम ख़ान (उपाध्यक्ष, जमाअते इस्लामी हिन्द), मौलाना सैयद तहज़िबुल हसन रिज़वी (इमाम, शिया जामा मस्जिद, रांची, झारखंड), डॉक्टर क़ासिम रसूल इलियास (स्पोक्स पर्सन, ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड),
मोहम्मद इमरान मसूद (मेम्बर ऑफ़ पार्लियामेन्ट, जेपीसी मेम्बर), मौलाना मुहम्मद यासीन उस्मानी (उपाध्यक्ष, मिल्ली कॉउन्सिल) शामिल है।