कुशलगढ|मामा बालेश्वर दयाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुशलगढ़ में शिक्षक अभिभावक सम्मेलन एवं छात्र-शिक्षक आचार संहिता वर्तमान परिपेक्ष्य में नीतिगत विमर्श विषय पर महाविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों के शैक्षणिक विकास, व्यवहार प्रदर्शन, परस्पर मजबूत साझेदारी का निर्माण, शैक्षणिक प्रगति में वृद्धि , सकारात्मक अनुशासन एवं व्यवहार को प्रोत्साहित करना, कैरियर गाइडेन्स प्रदान करने के उद्देश्य से कार्यशाला का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता प्रोफेसर बनय सिंह ने विद्यार्थियों को कहा कि शिक्षक नैतिक बल से छात्रों का चरित्र निर्माण करें। शिक्षक उचित मौखिक,शारीरिक, भावनात्मक और सामाजिक सीमाओं को स्थापित कर छात्रों के स्वास्थ्य,सुरक्षा और कल्याण को बढ़ावा देता है।शिक्षक छात्रों के अधिकारों और गरिमा का सम्मान करता है। विद्यार्थी के मन में भी गुरु के प्रति आदरभाव उसके सफलता की प्रथम पूंजी है। विद्यार्थी अभिवादन,धैर्य, सहनशीलता, परोपकारिता, आत्मनियन्त्रण, सत्यवादिता, अध्ययनशीलता से श्रेष्ठता को प्राप्त करता है। प्राचार्य महेन्द्र कुमार देपन ने कहा कि विद्यार्थी – शिक्षकों के परस्पर समन्वय से शैक्षणिक माहौल बेहतर व संस्थागत आचार संहिता की अक्षरशः पालना सुनिश्चित होगी। वर्तमान परिपेक्ष्य में नैतिक मूल्यों का पुनरुत्थान बहुत जरूरी है।कार्यक्रम में सहायक आचार्य डाॅ कमलेश कुमार मीना, कन्हैयालाल खांट, माखनसिंह मीना,डाॅ कविता,हिमांशु शाण्डिल्य,डाॅ जोहनसिंह देवदा,डाॅ धर्मेन्द्र भाभोर,डाॅ शाहिना परवीन , डाॅ श्रवण बरोड़ सहित विद्यार्थी अभिभावक उपस्थित रहे। ये जानकारी प्राचार्य महेन्द्र कुमार देपन ने दी।