तेरापंथ प्रोफेशनल फॉरम का 15वा स्थापना दिवस मनाया गया

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 सेवा, चिकित्सा और शिक्षा की त्रिवेणी संगम है tpf मुनि सिद्ध प्रज्ञ

उदयपुर|मेडिकल साइंस के अनुसार मानव मस्तीष्क के दो पटल है। दाया और बाया। दाया ब्रेन श्रद्धा, समर्पण, अध्यात्म, विवेक, प्रज्ञा, कला, दर्शन, चित्रकारिता आदि का संचालक है और वाया ब्रेन तर्क, गणित, बुद्धि, विज्ञानं, स्मृति, आदि का संचालक है। आज के युग मे हमारा बाया ब्रेन बहुत ज्यादा सक्रिय हो गया और दाया ब्रेन का बहुत कम विकसित हुवा। परिणाम स्वरूप आजका पड़ा लिखा व्यक्ति तनाव, चिंता, डिप्रेशन, उत्तेजना आदि का शिकार हो रहा है। Tpf के माध्यम सै ब्रेन का संतुलित विकास किया जा सकता है।तेरापंथ के आचार्य तुलसी ने अणुव्रत, आचार्य महा प्रज्ञा जी ने प्रेक्षा ध्यान और आचार्य म्हहश्रमण जी ने अहिंसा यात्रा के माध्यम सै व्यक्तित्व के सर्वागीन विकास का भागीरथ प्रयत्न किया। उक्त विचार युग प्रधान आचार्य महा श्रमण जी के शिष्य मुनि सिद्ध प्रज्ञ जी ने महाप्रज्ञ विहार उदयपुर मे तेरापंथ प्रोफेशनल फॉर्म के १५वे स्थापना दिवस पर व्यक्त किये।

शाशन श्री मुनि श्री सुरेश कुमार जी के सानिध्य मे तेरापंथ प्रोफेशनल फॉरम के सेक्रेटरी श्री राजेंद्र जी चंडालिया ने मेहमानों का स्वागत किया. विशिष्ट अतिथि शहर के एडिशनल सुपरिटेंडेंट police श्रीमान उमेश जी ओझा और साथ ही जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष श्रीमान प्रकाश जी पगारिया थे.
एडिशनल एसपी ओझा साहब यह जानकर रोमांचित हुए कि अलग-अलग प्रोफेशन के लोग एक ही संघटन में जुटे हुए हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें IMA के बारे में पता है, ICAI / ICSI/ बार एसोसिएशन के बारे में पता है. परंतु TPF सिर्फ देश ही नहीं दूर विदेश से TPF CONNECT के what’s app group द्वारा जुड़े है, जहां रिसोर्स शेयरिंग होती है.

श्रीमान प्रकाश जी पगारिया जी ने एकजुट होकर आगे आने की बात करी और समाज के विद्यार्थी वर्गों को ज्यादा से ज्यादा तकनीकी ज्ञान और तकनीकी रिसोर्स उपलब्ध कराने की गहरी बात कही. ममता जी बोहरा ने श्रीमान प्रकाश चन्द्र जी पगारिया साहब का स्वागत किया और बताया कि पगारिया साहब स्वयं बहुत ही ऊंचे पद पर रहे हैं और सामाजिक सेवा और अपनी सादगी के लिए जाने जाते हैँ.
TPF चीफ ट्रस्टी श्री चंद्रेश जी बाफना ने TPF के विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में बताया कि- ATM क्या है, AMKC क्या है, मिशन 1313 है जो कि जरूरत मंद परिवारों के विद्यार्थियों को शिक्षा सहयोग की राशि प्रदान करना चाहते हैं.
उन्होंने अपना ब्रुसेल्स का किस्सा बताया कि किस प्रकार जब उन्होंने वहां पर अपने उद्योगपति मित्र को इस बारे में बताया तो उन्होंने हर वर्ष 100 छात्रों को जीवन भर सहयोग देने देने की बात कही.
उदयपुर के बारे में CA मुकेश जी बोहरा ने बताया कि उदयपुर “इस ए सिटी आफ इंटेलेक्चुअल” जहां पर 1000 से भी ज्यादा प्रोफेशनल्स है एवं उदयपुर शाखा 425 से ज्यादा बुद्धिजी लोगों के साथ मध्य क्षेत्र की सबसे बड़ी शाखा है. CA नीतू जी नाहर, डॉ सोनू कांठेड, डॉ स्नेहा बाबेल और समूह ने TPF गीत की प्रस्तुति दी. इस अवसर पर मुनि सिद्ध प्रज्ञा जी ने प्रेक्षा ध्यान और जीवन विज्ञानं की जानकारी देते हुवे महत्वपूर्ण प्रयोग कराये जिसे सभी ने तहे दिल सै स्वीकार नियमित करने का संकल्प किया। राजेंद्र जी चंडालिया जी ने मुनि श्री का परिचय देते हुवे कहां की सिद्ध प्रज् जी का जन्म महाकाल की ऐतिहासिक नगरी उज्जैन मे हुवा आपने २२ वर्ष की उम्र मे आचार्य तुलसी सै समण दीक्षा लेकर २२ देशो मे जैन धर्म और भारतीय संस्कृति का भरपूर प्रचार किया। आपने जैन दर्शन, जीवन विज्ञानं और प्रेक्षा ध्यान योग मे ३ विषयो मे M A की उपाधि जैन विश्व विद्यालय लाडनू सै किया।
डा. डिम्पी जैन ने मंच संचालन किया. धन्यवाद ज्ञापन सह सचिव ध्रुव जी सिंघवी ने किया.


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