दहेज़ हत्या व आत्महत्या के दुष्प्रेरण के आरोपी को मिली जमानत
केकड़ी, राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर पीठ के न्यायाधीपति ने दहेज़ हत्या व आत्महत्या के दुष्प्रेरण के आरोपी केकड़ी निवासी जीतेन्द्र चौधरी पुत्र महावीर चौधरी निवासी को जमानत पर रिहा करने के आदेश पारित किये हैं।आरोपी के अधिवक्ता डॉ.मनोज आहूजा ने बताया कि आरोपी के खिलाफ मृतका के भाई अंकित द्वारा पुलिस थाना केकड़ी में 3 जून को मुकदमा इस आशय का दर्ज करवाया गया कि उसकी बहिन का विवाह वर्ष 2014 मे जितेन्द्र पुत्र महावीर जाट निवासी केकड़ी के साथ किया था।जितेन्द्र व उसकी माँ लाडा, भाई सुरेन्द्र,बहिन शारदा व माया आये दिन उसकी बहिन को शादी में दहेज कम लाने की बात को लेकर ताने देते थे व आये दिन मारपीट करते रहते थे।जब भी भी वह गांव आती अथवा फोन पर परिवार वालो से बातचीत करती तब उक्त दहेज मांगने वाली व मारपीट करने वाली बात हमारे को बताती थी।लेकिन परिवार वाले समझा बुझाकर वापस ससुराल भेज देते थे।जितेन्द्र के संसर्ग से एक पुत्री छवि है जिसकी आयु वर्तमान में साढ़े तीन वर्ष है।11 मई को उसकी बहिन गाँव आई थी तब भी उसने बताया था कि उसका पति जितेन्द्र उर्फ जीतू,सास लाडा, देवर सुरेन्द्र व ननद शारदा व माया उसके साथ दहेज की मांग को लेकर मारपीट करते है तथा दहेज में दस लाख रूपये नकद व एसयूवी कार की मांग करते हैं मना करने पर मारपीट करते है।चार पांच दिन हमारे पास ही रुकी फिर परिवारवालो ने समझा कर वापिस भिजवाया जिस पर 16 मई को बड़ा भाई प्रेमचन्द उसे लेकर ससुराल के घर पर छोड़कर गया।दो जून को प्रार्थी की बहिन को रात्री के समय पति जितेन्द्र उर्फ जीतू पुत्र महावीर सास लाड़ा पत्नी महावीर देवर सुरेन्द्र पुत्र महावीर ननद शारदा पुत्री महावीर,ननद माया पुत्री महावीर ने घर पर प्रार्थीया की बहिन के साथ दहेज में दस लाख रूपये व एसयूवी कार नही देने पर मारपीट कर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी और उक्त घटना को आत्महत्या करने का रूप देने के लिये उसके गले में फन्दा डालकर लटका दिया तथा सुबह उसके मृत शरीर को दाह संस्कार करने की तैयारी कर रहे थे तथा सबूत नष्ट करने की तैयारी कर रहे थे।तभी उसने देखा कि उसकी मृत अवस्था में पड़ी थी व गले पर चोट का निशान है। उक्त रिपोर्ट पर पुलिस ने बाद अनुसन्धान आरोपी जीतेन्द्र को आत्महत्या के दुष्प्रेरण का दोषी मानते हुए गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया। आरोपी की और से राजस्थान उच्च न्यायालय में एडवोकेट मनोज आहूजा व रविन्द्र पालीवाल ने जमानत आवेदन प्रस्तुत कर दौराने बहस तर्क दिया कि मामले में अनुसन्धान पूर्ण हो चुका है,अन्वीक्षा में समय लगने की सम्भावना है। आरोपी के खिलाफ झूठे तथ्यों के आधार पर चार्जशीट प्रस्तुत की गई है आदि तर्को से सहमत होते हुए न्यायाधीपति ने जमानत आवेदन स्वीकार किया।