भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा लोहरा भारत नगर का अमृत सरोवर तालाब


लगातार खबरें प्रकाशित होने के बाद भी अफसरों की नहीं टूटी कुंभकर्णी निद्रा; ग्राम प्रधान व सचिव के मिली भगत से लिखी जा रही भ्रष्टाचार की पटकथा

ग्रामीणों ने लगाया आरोप कहा निर्माण कार्य में हुआ घटिया सामग्री का इस्तेमाल; बनते ही हुआ ध्वस्त जिम्मेदारों ने ओढ़ी खामोशी की चादर

ग्रामीणों का आरोप ग्राम प्रधान चिड़िया बैठाने तक सीमित; ग्राम पंचायत के कार्य की बागडोर रोजगार सेवक के हाथ

प्रयागराज।राजदेव द्विवेदी। जनपद के यमुनानगर विकासखंड शंकरगढ़ क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत लोहरा भारत नगर में जहां विकास के नाम पर सरकारी धन को किस तरह से लूटा जा रहा है। तस्वीरों में साफ-साफ देखा जा सकता है कि विकास कार्यों में जो अनियमितताएं सामने आई हैं उसमें जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। अमृत सरोवर तालाब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है जो रो-रो कर टूट कर आंसू बहा रहा है कि इतने कम समय में मुझे मिट्टी में मिलाकर जनता के विश्वास को तोड़ा है। जिसमें मानक के अनुरूप कार्य न करा कर घटिया सामग्री लगाने से तालाब की दीवारें व इंटरलॉकिंग कभी भी धराशाई हो सकती है। ग्रामीणों का आरोप है कि इसमें ग्राम प्रधान व सचिव ने जमकर धांधली की है व सरकारी धन का बंदर बांट किया है।जिससे मानक के अनुसार कार्य नहीं कराया गया है जब कि घटिया सामग्री का उपयोग करने से अमृत सरोवर तालाब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है।इस से साफ तौर पर कहा जा सकता है कि और भी बहुत से गांव में विकास के कार्य कराए गए हैं जिसमें जमकर भ्रष्टाचार किया गया होगा जो जांच का विषय है। फिलहाल जो भ्रष्टाचार की तस्वीरें हैं खुद इसका सबूत है कि प्रधान व सचिव ने अमृत सरोवर तालाब निर्माण कार्य में सरकारी धन को किस तरह से लूटा है तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है। बताया गया कि ग्राम पंचायत पूरी तरह से भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबा हुआ है। केंद्र एवं प्रदेश सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट अमृत सरोवर के नाम पर जम कर सरकारी धन की लूट खसोट की गई है जिसकी तस्वीरें साफ बयां कर रही है कि निर्माण कार्य होते ही टूटना शुरू हो गया है। यह एक बहुत बड़ा घोटाला है जिसमें ग्रामीणों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है और उनके अधिकारों का हनन हो रहा है। आगे ग्रामीणों ने कहा कि ग्राम प्रधान व सचिव आपसी जुगलबंदी कर भ्रष्टाचार की पटकथा लिख रहे हैं। ग्राम पंचायत में विकास के नाम पर तमाम तरह के काम करवाए गए हैं जिसमें जमकर सरकारी धन को आपसी बंदर बांट किया गया है। कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि ग्राम प्रधान व सचिव भ्रष्टाचार की गंगोत्री में डुबकी लगा रहे हैं। वही ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान सिर्फ चिड़िया बैठाने तक सीमित है प्रधान का कार्यभार रोजगार सेवक के हाथों में है।अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन मामले में क्या कार्यवाही करता है फिलहाल ग्रामीणों ने जांच कर कार्यवाही की मांग की है।


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