जिला प्रशासन के मना करने के बावजूद भी खुद के हाथों से खोले गेट
भरतपुर|गंभीर नदी के पानी के डायवर्जन को लेकर बयाना विधायक एवं उनके पति की दबंगई सामने आई है। इसी दौरान बयाना विधायक पति और एडिशनल एसपी के बीच नोक झोंक देखी गई। प्रशासन के मना करने के बावजूद भी विधायक एवं विधायक पति के द्वारा सेवला बरैठा हैड के गेट खोलकर रूपबास की ओर पानी की निकासी की गई। जबकि प्रशासन के द्वारा पहले केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को पानी पहुंचाने की प्राथमिकता थी। हालांकि इसके साथ ही खानवा व रूपवास की ओर पानी छोड़े जानें की भी योजना थी। आपके यहां यह भी बता दें की करीब 10 दिन पूर्व भरतपुर जिला प्रशासन की ओर से करौली जिला प्रशासन को पत्र लिखकर भरतपुर के विश्व विख्यात केवलादेव घना की सूखी झीलों को भरने के लिए पांचना बांध से पानी छोड़े जानें के लिए भी पत्र लिखा गया था। इस पत्र के लिखने के बाद बांध से पानी भी छोडा गया था ताकि केवलादेव घाना की झीलों को भरा जा सके। जानकारी के मुताबिक पांचना बंध के गेट खोले जाने के चलते गंभीर नदी में लंबे समय के बाद पानी पहुंचा है। गंभीर नदी में सोमवार के दिन पानी सेवला बरैठा पहुंचा। जहां से यह पानी पिचुना केनाल व अजान बांध होते हुए केवलादेव घना की झीलों तक पहुंचाना था। लेकिन इसी दौरान राजनीति और श्रेय लेने की होड़ में अतिउत्साह दिखाते हुए बयाना रूपवास विधायक रितु बनावत अपने पति ऋषि बंसल के साथ से सेवला बरैठा हैड पहुंच गई। और जिला कलेक्टर डॉ अमित यादव से फोन पर बातचीत करते हुए विधानसभा क्षेत्र के गांव रूपवास की ओर पानी की निकासी की मांग करती हैं। लेकिन जिला कलेक्टर द्वारा यही कहा जाता है कि पहले केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के निर्देश हैं उसके बाद देखा जाएगा। लेकिन विधायक के द्वारा कहा गया कि हम किसी से बंधे नहीं है। इसी बीच उच्चैन एडिशनल एसपी राम कल्याण मीणा विधायक ऋतु बनावत के पति से वार्ता कर रहे थे। लेकिन विधायक पति जबरदस्ती तानाशाही रवैया से गेट खोलने की कहते है। इस दौरान दोनों के बीच नोक झोंक हो जाती है।एडिशनल एसपी और विधायक पति को पुलिसकर्मियों द्वारा अलग किया जाता है। लेकिन जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधिकारियों के मना करने के बाद भी विधायक पति एवं विधायक रितु बनावत सेवला बरैठा हैड के रूपवास की ओर पानी की निकासी के लिए गेटों को खोल दिया गया।
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान पक्षियों का स्वर्ग है। यहां 350 से अधिक देसी विदेशी पक्षी निवास करते हैं। लेकिन पानी की कमी के चलते इस विश्व धरोहर पर संकट मंडराय हुआ है। जिला प्रशासन के द्वारा कई बार पाँचना बांध से केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के लिए पानी की मांग की थी लेकिन वह पूरी नहीं हो पाई। मानसूनी बारिश के चलते पांचना बांध में पानी की क्षमता अधिक होने के चलते गेट खोलकर पानी की निकासी की गई है। गंभीर नदी के सहयोग से यह पानी केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान पहुंचेगा।